लगभग 30 से 40 प्रतिशत ब्राइटनेस जो कि ज्यादातर फोन डिफॉल्ट रुप से होती है उस पर डार्क मॉड का असर बेहद कम पड़ा. बड़ा लाभ केवल 100 प्रतिशत ब्राइटनेस सेट के साथ देखा गया.
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नई दिल्ली: फोन की बैटरी लाइफ बढ़ाने को लेकर लोगों में तरह-तरह के मिथक होते हैं. अधिकतर लोगों का मानना होता है कि डार्क मॉड में फोन को इस्तेमाल करने से बैटरी लाइफ बेहतर रहती है. लेकिन साइंटिस्टों ने लंबे समय से लोगों के बीच बनी इस धारणा को गलत साबित किया है. साइंटिस्टों ने कहा है कि यह बात पूर्णतया सही नहीं है. पुराडे यूनिवर्सिटी के साइंटिस्टों ने इस बात को एक शोध के जरिए प्रमाणित किया है.
इन स्मॉर्टफोन और App पर किया गया प्रयोग
यूनिवर्सिटी (XDA Developers के माध्यम से) द्वारा किए गए एक टेस्ट में, शोधकर्ताओं ने OLED स्क्रीन वाले चार फोन (डार्क मोड से सबसे अधिक फायदे की सोच को ध्यान में रखकर) का इस्तेमाल किया .यह फोन Pixel 2, Moto Z3, Pixel 4 और Pixel 5 थे. टेस्ट में छह अलग-अलग Android एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया गया. ये एप्लिकेशन कैलेंडर, Google कैलेंडर, Google मैप्स, Google फोन और YouTube थे. इन पर साठ सेकंड के लिए लोड के लिए पावर ड्रॉ का टेस्ट किया गया.
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रिजल्ट में आई चौंकाने वाली बात
जैसा कि सोचा जाता है परिणाम वैसा नहीं आया. लगभग 30 से 40 प्रतिशत ब्राइटनेस जो कि ज्यादातर फोन डिफॉल्ट रुप से होती है उस पर डार्क मॉड का असर बेहद कम पड़ा. बड़ा लाभ केवल 100 प्रतिशत ब्राइटनेस सेट के साथ देखा गया. जहां डार्क मोड चालू करने से आपकी बैटरी की लगभग 47 प्रतिशत की बचत होती है.साइंटिस्टों ने कहा कि बेहद कम संख्या में ही लोग फोन की ब्राइटनेस 100 प्रतिशत रखते हैं. ज्यादातर ब्राइटनेस को लगभग 50 प्रतिशत और इससे भी अधिक पर रखते है. वहीं कई फोन को ऑटो-ब्राइटनेस पर रखते हैं जो ब्राइटनेस को ऑटो एडजस्ट करती है.