WTC Final 2023: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने उपमहाद्वीप से बाहर अपना एकमात्र टेस्ट शतक 2021 में ‘द ओवल’ में बनाया था और उनका कहना है कि इंग्लैंड की परिस्थितियों में बल्लेबाज के तौर पर कोई भी क्रीज पर सहज महसूस नहीं करता, लेकिन उसे पता चल जाता है कि प्रतिद्वंद्वी टीम के गेंदबाजों के खिलाफ कब आक्रामकता बरतनी है.
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ICC WTC Final 2023: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने उपमहाद्वीप से बाहर अपना एकमात्र टेस्ट शतक 2021 में ‘द ओवल’ में बनाया था और उनका कहना है कि इंग्लैंड की परिस्थितियों में बल्लेबाज के तौर पर कोई भी क्रीज पर सहज महसूस नहीं करता, लेकिन उसे पता चल जाता है कि प्रतिद्वंद्वी टीम के गेंदबाजों के खिलाफ कब आक्रामकता बरतनी है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल से पहले भारतीय कप्तान को लगता है कि इंग्लैंड की पिचों पर कड़ी मेहनत के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
WTC Final से पहले रोहित ने ऑस्ट्रेलिया को दी ये बड़ी धमकी
रोहित शर्मा ने रविवार को आईसीसी के एक कार्यक्रम ‘आफ्टरनून विद टेस्ट लीजेंड्स’ में कहा, ‘मुझे लगता है कि आमतौर पर बल्लेबाज के लिए इंग्लैंड में काफी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां होती हैं. जब तक आप चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहते हो, तब तक आपको सफलता मिलती है.’ रोहित 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट में भारत में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे थे.
अपने इस बयान से क्रिकेट जगत में मचा दिया तहलका!
पैट कमिंस, रॉस टेलर और इयान बेल के साथ बैठे भारतीय कप्तान ने अपने निजी अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा, ‘2021 में मुझे एक चीज महसूस हुई कि आप कभी भी क्रीज पर जमते नहीं हो और फिर मौसम बदलता रहता है. आपको लंबे समय तक ध्यान लगाए रखना होता है और फिर आपको पता चल जाता है कि अब गेंदबाजों को धुनने का समय आ गया है. सबसे महत्वपूर्ण चीज है कि आपको क्रीज पर जाकर समझना होता है कि आपकी मजबूती क्या है.’
स्क्वॉयर बाउंड्री काफी तेज
मुंबई इंडियंस और टीम इंडिया के साथ इतने वर्षों में वह आंकड़ों और डाटा पर काफी ध्यान देते हैं. रोहित को लगता है कि ‘द ओवल’ में सफलता हासिल करने वाले पूर्व खिलाड़ियों के स्कोर बनाने के ‘पैटर्न’ को जानना बुरा विचार नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं उनका (सफल खिलाड़ियों) अनुकरण करने की कोशिश नहीं करूंगा लेकिन उनके रन बनाने के ‘पैटर्न’ को जानना अच्छा होगा. मैंने पाया कि ओवल में स्क्वॉयर बाउंड्री काफी तेज लगती हैं.’
तकनीक में फेरबदल करना चाहिए
पिछले एक दशक से एक से दूसरे प्रारूप में खेलने के लिए खुद को ढालने वाले रोहित जानते हैं कि यह मुश्किल होता है, लेकिन वह इस चुनौती और जरूरत के अनुसार अपनी तकनीक में बदलाव करने की खुद की काबिलियत का आनंद लेते हैं. रोहित ने कहा, ‘प्रारूप बदलना निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण कारक है. आप कई प्रारूपों में खेलते हो. मानसिक रूप से आपको बदलने के अनुकूलित होना चाहिए और अपनी तकनीक में फेरबदल करना चाहिए, आपको मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए.’