क्रिकेट मैदान पर फिर उतरेंगे जिगरी दोस्त सचिन-कांबली, 1988 जैसी साझेदारी के लिए तैयार
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क्रिकेट मैदान पर फिर उतरेंगे जिगरी दोस्त सचिन-कांबली, 1988 जैसी साझेदारी के लिए तैयार

सचिन तेंदुलकर इस कमेंट से बेहद आहत हुए थे. यही वजह थी कि सचिन ने 2013 में अपनी फेयरवेल स्पीच में भी कांबली का कोई जिक्र नहीं किया था.

फिर एक साथ आए सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: क्रिकेट के 'भगवान' सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की जोड़ी भारत के लिए खेलने से पहले ही मशहूर हो गई थी. 1988 में आजाद मैदान में स्कूली क्रिकेट के दौरान 664 रनों की साझेदारी करके क्रिकेट जगत को चौंका दिया था. अब ये दोनों दिग्गज एक बार फिर से क्रिकेट मैदान पर दिखाई देंगे, लेकिन इस बार इनका टारगेट होगा नई प्रतिभाओं को निखारना और मुंबई और भारत को क्रिकेट जगत में टॉप पर बनाए रखना. 

  1. सचिन-कांबली दोनों बचपन के दोस्त हैं
  2. दोनों के बीच एक रिएलिटी शो के बाद दूरियां आ गई थीं
  3. रिकॉर्ड साझेदारी का है सचिन-कांबली के नाम

90 के दशक में कांबली और तेंदुलकर की जोड़ी को जय-वीरू की जोड़ी के नाम से भी जाना जाता था, लेकिन जब पोस्ट रिटायरमेंट पार्टी में सचिन ने कांबली को आमंत्रित नहीं किया तो कांबली ने कहा उनके स्कूली दोस्त ने उन्हें भुला दिया है. दरअसल, 9 साल पहले विनोद कांबली ने सचिन तेंदुलकर के साथ अपनी दोस्ती को यह कहकर खत्म कर दिया था कि उनके खराब दौर में सचिन ने उनकी कोई मदद नहीं की. काबंली ने यह बात एक रिएलिटी टीवी शो के दौरान कही थी. 

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सचिन तेंदुलकर इस कमेंट से बेहद आहत हुए थे. यही वजह थी कि सचिन ने 2013 में अपनी फेयरवेल स्पीच में भी कांबली का कोई जिक्र नहीं किया था. हालांकि, पिछले साल इन दोनों दोस्तों के बीच की सारी दूरियां मिट गई थी और अब वह फिर से पहले की तरह जिगरी दोस्त बन गए. 

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सचिन ने हाल ही में अपने सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की घोषणा की. इसमें वह सात साल की उम्र से लेकर 18 साल तक के युवाओं को क्रिकेट की कोचिंग देंगे. तेंदुलकर ने इस मौके पर कहा था, विनोद और मैं स्कूल में एक साथ क्रिकेट खेले हैं. हाल ही में जब मेरी उनसे मुलाकात हुई तो मैंने उन्हें अपने प्रोजेक्ट के बारे में बताया. विनोद इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के लिए तैयार हो गए. 

सचिन ने इंग्लिश मिडिलसेक्स के साथ मिलकर ग्लोबल अकादमी शुरू की है. एक से 4 नवंबर को डीवाई पाटिल स्टेडियम में, 6-9 नवंबर को एमआई जी क्लब, बांद्रा में 7 से 17 और 13 से 18 साल के युवाओं को कोचिंग दी जाएगी. 12 से 15 और 17 से 20 नवंबर को यह शिविर पुणे में शिफ्ट हो जाएंगे. तेंदुलकर के बड़े कद को देखते हुए उनके इस कैंप में और भी महान क्रिकेटर शामिल हो सकते हैं, लेकिन कांबली के प्रति उनके मन में एक सॉफ्ट कॉर्नर रहा है. 

इस साझेदारी को लेकर विनोद कांबली ने भी एक ट्वीट किया है. विनोद कांबली ने लिखा है- बच्चों को तेंदुलकर एकेडमी के मुंबई और पुणे में लगने वाले कैंप में सिखाने के लिए उत्साहित हूं. इससे मैं और सचिन एक नई पारी शुरू करने जा रहे हैं, जिसमें हम बच्चों को मिलकर गुर सिखाएंगे. उम्मीद करता हूं यह साझेदारी 1988 के आजाद मैदान की पार्टनरशिप जैसी ही बड़ी हो.

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सचिन का कहना है कि कांबली के साथ क्रिकेट मैदान पर लौटना कुछ पुरानी और खुशनुमा यादों का ताजा कर देगा. वहीं, भावुक कांबली ने कहा, यह मौका मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है. जब सचिन ने मुझे इसके बारे में बताया तो मैंने फौरन इस पर अपनी सहमति दे दी. बाएं हाथ के विनोद कांबली का टेस्ट क्रिकेट में औसत 54.2 का है. कांबली ने कहा, उनके लिए यह एक अलग तरह का अनुभव होगा. मुंबई रणजी टीम के भी कुछ खिलाड़ी इस कोचिंग अभियान का हिस्सा होंगे. साथ ही इंग्लैंड के डेविड मलान, टाबी रोलैंड, निक क्राम्पटन और जोन सिंपसन भी इसमें शरीक होंगे.

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