Indian Cricket: महान बल्लेबाजों में गिनती, फिर भी अगर इस किस्से का सामने किया जिक्र तो फैंस को लग जाएगी मिर्ची!
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Indian Cricket: महान बल्लेबाजों में गिनती, फिर भी अगर इस किस्से का सामने किया जिक्र तो फैंस को लग जाएगी मिर्ची!

Indian Cricket Team: कुछ खिलाड़ियों ने करियर में भले ही कई अहम मैचों में जीत दिलाई हों, लेकिन उनके साथ कुछ ऐसे किस्से जुड़ जाते हैं जो शायद ही कभी वो और उनके फैंस याद करना चाहते हैं. ऐसा ही एक किस्सा भारत के महान बल्लेबाजों के साथ जुड़ा है.

indian cricket team (file)

Cricket ke Kisse: भारत ने इस दुनिया को कई दिग्गज क्रिकेटर दिए. आज भी कई स्टार टीम इंडिया का हिस्सा हैं, जिन्होंने वैश्विक क्रिकेट में अपनी धाक जमा रखी है. कई पारियां किसी क्रिकेटर को महान बनाती हैं लेकिन ऐसे महान खिलाड़ियों के साथ कुछ किस्से ऐसे भी जुड़े होते हैं, जिन्हें वे शायद की याद करना चाहें. ऐसा ही एक किस्सा भारत के महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ के साथ जुड़ा है. ये करीब 21 साल पुराने एक मैच की कहानी है जो शायद ही उनके फैंस याद करना चाहते होंगे. 

'द वॉल' से जुड़ा है किस्सा

राहुल द्रविड़ की गिनती भारत के महान बल्लेबाजों में होती है. उन्होंने अकेले दम पर कई टेस्ट मैचों में भारत को जीत दिलाई. उन्हें 'द वॉल' भी कहा जाता है क्योंकि अगर वह क्रीज पर जम जाते तो किसी भी गेंदबाज के लिए उन्हें आउट करना मुश्किल होता था. हालांकि एक पारी ऐसी भी रही जब वह जमे भी रहे लेकिन ना तो टीम को जीत दिला पाए और ना ही कभी इस पारी के लिए उनकी कभी तारीफ हुई. वह नॉट आउट रहे. 

22 जुलाई 2001 का किस्सा

साल- 2001. भारत और श्रीलंका के बीच कोका कोला कप का तीसरा मुकाबला कोलंबो में खेला गया. सनथ जयसूर्या की कप्तानी में पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 221 का औसत सा स्कोर बनाया. दिग्गज सचिन तेंदुलकर की अनुपस्थिति में युवराज सिंह ने अमय खुरासिया के साथ ओपनिंग की लेकिन उन्हें जल्दी वापस भेज दिया गया. पारी के 18वें ओवर की समाप्ति तक भारत का स्कोर 4 विकेट पर 71 रन हो गया था. गांगुली और राहुल द्रविड़ ने फिर साझेदारी बनाना शुरू किया. उन्होंने अपना समय लिया और धीरे-धीरे स्ट्राइक रोटेट की.

गांगुली की कप्तानी में हारा भारत

कप्तान गांगुली कभी-कभार बाउंड्री लगा रहे थे और 38वें ओवर में उनके आउट होने तक आवश्यक रन रेट नियंत्रण में था. गांगुली ने 105 गेंदों पर 69 रन बनाए जिसमें 7 चौके और एक छक्का शामिल रहा. भारत को 75 गेंदों पर 71 और चाहिए थे. रीतिंदर सिंह सोढ़ी (20 गेंदों पर 19), वीरेंद्र सहवाग (14 गेंदों पर 12) और समीर दीघे (11 गेंदों पर 11 रन) ने शुरुआत तो की लेकिन अच्छी तरह इसे खत्म नहीं कर सके. अंत में भारत को 6 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी. 

द्रविड़ के फैंस हो जाएंगे नाराज

अब बात राहुल द्रविड़ की, उनकी जिस पारी का यहां जिक्र हो रहा है. वह पारी के 18वें ओवर में क्रीज पर आए लेकिन बिना एक भी बाउंड्री लगाए उन्होंने 81 गेंदों पर 49 रन बनाए. वह 126 मिनट तक मैदान पर रहे, टीम इंडिया 6 रन से मुकाबला हारी तो वह नॉट आउट थे. बाउंड्री के बारे में तो भूल ही जाइए, उन्होंने अंतिम 4 ओवरों में केवल सिंगल ही लिया, डबल तक भी नहीं. अगर उन 33 ओवरों में उन्होंने एक चौका लगाया होता तो नतीजा कुछ और हो सकता था. यह सबसे महान टेस्ट बल्लेबाजों में से एक की अजीब वनडे पारी रही जिसे शायद ही उनके फैंस याद करना चाहें.

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