INDvsENG: लॉर्ड्स की है एक खासियत, मैकग्रा ने कहा ईशांत को मिलेगा इसका फायदा
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INDvsENG: लॉर्ड्स की है एक खासियत, मैकग्रा ने कहा ईशांत को मिलेगा इसका फायदा

ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज ग्लेन मैकग्रा का कहना है कि लॉर्ड्स में ईशांत इस बार भी सफल हो सकते हैं.

ग्लेन मैकग्रा ने लॉर्ड्स में तीन टेस्ट खेले हैं जिसमें उन्होंने कुल 26 विकेट लिए हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे के सबसे चुनौतीपूर्ण पांच टेस्ट मैचों की सीरीज मानी जा रही थी. पहले टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने तो सफलता हासिल कर ली लेकिन विराट कोहली को छोड़कर बाकी बल्लेबाजों की नाकामी का आलम यह रहा कि टीम इंडिया पहला टेस्ट केवल 31 रनों के मामूली अंतर से हार गई.  अब टीम इंडिया का अगला इम्तिहान 9 अगस्त से क्रिकेट की दुनिया में मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में होना है. इस मैच में सबकी निगाहें पिछली बार मैन ऑफ द मैच रहे ईशांत शर्मा पर होंगी. 

  1. 2014 में लॉर्ड्स टेस्ट में 7 विकेट लिए थे ईशांत ने
  2. इस मैच में भारत को 95 रनों से जीत मिली थी
  3. ईशांत मैन ऑफ द मैच रहे थे इस मैच  में

लॉर्ड्स मैदान के बारे में एक बात है जो यहां खेले जाने वाले मैचों, खासकर गेंदबाजों पर विशेष प्रभाव डालती है. इस मैदान की खास बात यह कि वहां एक छोर से दूसरे छोर तक बड़ा ढाल है. इस मैदान पर नर्सरी छोर से पवेलियन छोर तक 8 फीट का ढाल है. इस ढाल का फायदा उन गेंदबाजों को मिलता है जो पवेलियन छोर से गेंदबाजी करते हैं, जिनके लिए गेंद को दाहिने हाथ के बल्लेबाज के लिए स्विंग कराना आसान होता है.

इस बात का फायदा ईशांत को 2014 में हुए भारत के इंग्लैंड दौरे के दूसरे टेस्ट में हुआ था जो कि लॉर्ड्स के मैदान पर ही हुआ था. कड़े मुकाबले में ईशांत ने दूसरी पारी में सात विकेट झटके थे. जिसकी बदौलत भारत ने इस मैच में जीत हासिल की थी. इस पारी में ईशांत को इसी ढाल का फायदा मिला था. 

ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज ग्लेन मैकग्रा का मानना है कि इस मैदान पर गेंदबाजी करना आसान नहीं है, खास तौर पर अगर गेंदबाज को ढाल की जानकारी नहीं है. इस ढाल की वजह से गेंदाबाजों को थोड़ा सा बदलाव लाना पड़ता है. जबकि अच्छी गेंदाबाजी के नियम तब भी वही रहेंगे. मैकग्रा

मैकग्रा का कहा, “गेंदाबजों के चीजें सरल रखना होगा यह बात अहम रहेगी. गेंद सही जगह पर गिरे और सीम पर गिरे- तो एक गेंद बाहर जाएगी तो एक अंदर जाएगी.” मैकग्रा ने लॉर्ड्स में तीन मैच खेले हैं. जिसमें उन्होंने 26 विकेट लिए हैं. उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि ईशांत लॉर्ड्स में पवेलियन छोर से गेंदबाजी करेंगे. 

ऐसे कहर ढाया था ईशांत ने लॉर्ड्स में
उल्लेखनीय है कि 2014 के लॉर्ड्स टेस्ट में टीम इंडिया इंग्लैंड को जीत के लिए 319 रनों का लक्ष्य दिया था. चौथे दिन का खेल खत्म होने तक 105 रन बनाते बनाते चार विकेट खो दिए थे जिसमें से फॉर्म में चल रहे एलिस्टर कुक और इयान बेल को ईशान शर्मा ने आउट किया था. इसके बाद खेल के आखिरी दिन पहले सत्र में जो रूट और मोईन अली ने कोई विकेट गिरने नहीं दिया और लंच तक इंग्लैंड का स्कोर 173 तक पहुंचा दिया था. लेकिन लंच के बाद एक बार फिर ईशांत शर्मा ने भारत को सफलता दिलाई जब उनकी बाउंसर पर मोईन अली फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर खड़े चेतेश्वर पुजारा को कैच दे बैठे.

इसके बाद ईशांत ने अपनी शॉर्ट गेंद पर ही मैट प्रायर, बेन स्टोक्स और जो रूट के अहम विकेट लेकर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 74 रन देकर 7 विकेट लिए. ईशांत की गेंदाबाजी की बदौलत इंग्लैंड टीम 233 रनों पर ही सिमट गई जिससे टीम इंडिया ने यह मैच 95 रन से जीत लिया. ईशांत के इस प्रदर्शन की बदौलत उन्हें लॉर्ड के मैदान पर मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला. इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि ईशांत लॉर्ड्स जैसा प्रदर्शन दोहरा पाएंगे.  

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