India vs Australia 3rd Test: भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में 1-1 की बराबरी ने रोमांच काफी बढ़ा दिया है. एडिलेड टेस्ट में हार के बाद प्लेइंग-XI में बदलाव के चर्चे भी तेज हुए. जिसमें हर्षित राणा भी रेडार पर नजर आए. प्लेइंग-XI से बाहर होने का डर हर्षित को पहले ही था कि अब उनके पिता ने उन्हें नया चैलेंज दे दिया है.
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India vs Australia 3rd Test: भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में 1-1 की बराबरी ने रोमांच काफी बढ़ा दिया है. एडिलेड टेस्ट में हार के बाद प्लेइंग-XI में बदलाव के चर्चे भी तेज हुए. जिसमें हर्षित राणा भी रेडार पर नजर आए. प्लेइंग-XI से बाहर होने का डर हर्षित को पहले ही था कि अब उनके पिता ने उन्हें नया चैलेंज दे दिया है. पहले टेस्ट की पहली पारी के बाद उनके प्रदर्शन में गिरावट देखने को मली. अब 14 दिसंबर से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट से हर्षित का पत्ता कट सकता है.
पहले टेस्ट में कैसा रहा प्रदर्शन?
आईपीएल में नाम कमाने वाले हर्षित राणा ने पर्थ में टीम इंडिया के लिए टेस्ट डेब्यू किया. उन्हें सिराज और बुमराह के बैकअप गेंदबाज के तौर पर शामिल किया गया था. पर्थ में पहली पारी में हर्षित ने शानदार गेंदबाजी से सभी का दिल जीता क्योंकि उन्होंने 3 विकेट अपने नाम किए थे. लेकिन दूसरी पारी में एक ही विकेट नसीब हुआ. एडिलेड टेस्ट में जब हर्षित उतरे तो काफी महंगे साबित हुए. उन्होंने 16 ओवर में 86 रन खर्च किए और एक भी विकेट नहीं लिया.
हर्षित के पिता ने कर दिया चैलेंज?
सीआरपीएफ के पूर्व हैमर थ्रोअर और वेटलिफ्टर प्रदीप ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'मैंने उसे 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने की चुनौती दी है. मैंने उससे कहा है कि जिस दिन तुम 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करोगे, मैं तुम्हें खिलाड़ी मान लूंगा. अगर तुम 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करोगे तो कोई तुम्हें भारत के लिए खेलने से नहीं रोकेगा, लेकिन अगर तुम 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करोगे तो कोई स्थानीय क्लब भी तुम्हें नहीं चुनेगा.'
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'उसे बाहर नहीं रखा जा सकता'
उन्होंने आगे कहा, 'राणा ने पहले टेस्ट में कुछ भी गलत नहीं किया. उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने टीम को उस समय महत्वपूर्ण सफलता दिलाई, जब उनकी जरूरत थी. मेरा मानना है कि अगर किसी ने कुछ भी गलत नहीं किया है, तो उसे बिना किसी कारण के बाहर नहीं रखा जा सकता. क्योंकि फिर टीम को क्या आत्मविश्वास मिलेगा?'