B'day Special : भारत को पहली जीत दिलाने वाला ये कप्तान खुद को नहीं मानता था अच्छा लीडर
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B'day Special : भारत को पहली जीत दिलाने वाला ये कप्तान खुद को नहीं मानता था अच्छा लीडर

11 मार्च 1915 को महाराष्ट्र के सांगली में एक ईसाई परिवार में जन्में विजय सेमुअल हजारे के नेतृत्व में ही टीम इंडिया को क्रिकेट में पहली जीत हासिल हुई.

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में विजय हजारे ने 18 हजार से ज्यादा रन बनाए. फाइल फोटो

नई दिल्ली : क्रिकेट की दुनिया में शुरुआती दिनों में टीम इंडिया की नींव जिन खिलाड़ियों ने मजबूत की, उनमें से एक नाम है विजय हजारे. 11 मार्च 1915 को महाराष्ट्र के सांगली में एक ईसाई परिवार में जन्में विजय सेमुअल हजारे के नेतृत्व में ही टीम इंडिया को क्रिकेट में पहली जीत हासिल हुई. उन्होंने अपने पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मैच की दोनों पारियों में शतक जमाया. हजारे की कप्तानी में खेलते हुए 1952 में टीम इंडिया ने चेन्नई (मद्रास) में इंग्लैंड के खिलाफ एक पारी और आठ रन से जीत दर्ज की थी.

  1. टीम इंडिया की ओर से 30 टेस्ट मैच खेले विजय हजारे ने
  2. टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ दिलाई पहली जीत
  3. डॉन ब्रेडमैन को टेस्ट मैचों में तीन बार आउट किया

विजय हजारे ने दुनिया में भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी थी. उन्होंने महाराष्ट्र के लिए क्रिकेट खेला. इसके साथ ही 1951 से 1953 के बीच 14 मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान भी संभाली. उन्होंने कुल 30 टेस्ट मैच भारत के लिए खेले. इसमें से 3 टेस्ट मैचों में भारत को जीत मिली.

सेकेंड वर्ल्डवार के कारण 31 की उम्र में खेल पाए पहला टेस्ट
विजय हजारे को भारत का पहला महानतम बल्लेबाज माना गया. हालांकि वह लंबे समय तक क्रिकेट नहीं खेल पाए. जब वह टीम के लिए खेलने की तैयारी शुरू कर रहे थे, उसी समय वर्ल्ड वॉर चल रहा था. इस कारण वह पहला टेस्ट मैच में 31 की उम्र में खेल पाए. ये टेस्ट मैच उन्होंने 1946 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेला. 1947-48 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने दो शतक जड़ दिए. अगले ही साल इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने लगातार 3 शतक जड़ दिए.

खुद को नहीं मानते थे अच्छा लीडर
कहा जाता है विजय हजारे टीम इंडिया के सबसे महानतम बल्लेबाज बनते अगर उन्हें टीम की कप्तानी नहीं दी जाती. खुद वह अपने आपको अच्छा लीडर नहीं मानते थे. वह मानते थे, कि इसी कारण उनकी बल्लेबाजी प्रभावित हुई. ये और बात है कि टीम ने उनकी ही कप्तानी में पहली जीत हासिल की. उनके साथी खिलाड़ी विजय मर्चेंट कहते थे कि कप्तानी के कारण भारत को महान खिलाड़ी नहीं मिल पाया. ये क्रिकेट की बड़ी त्रासदी है.

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गवाही देते हैं उनके आंकड़े
उन्होंने 30 टेस्ट टीम इंडिया की ओर से खेले. इसमें उन्होंने 47.65 की औसत से 1913 रन बनाए. उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 22 जून 1946 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला तो अंतिम टेस्ट मैच वेस्ट इंडीज के खिलाफ 1953 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेला.

प्रथम श्रेणी क्रिकेट के आंकड़े और भी हैरान करने वाले
विजय हजारे ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 18740 रन  57 की औसत से बनाए. वह इस लिस्ट में सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के बाद अब भी चौथे नंबर पर हैं. उन्होंने 60 प्रथम श्रेणी शतक भी जड़े. इनमें 7 टेस्ट शतक भी शामिल हैं. विजय हजारे ने 10 दोहरे शतक भी लगाए. हजारे ने सिर्फ बल्लेबाजी में ही नहीं गेंदबाजी में भी शानदार खेल दिखाया. उन्होंने 595 रन अपने नाम किए. इनमें 20 टेस्ट विकेट शामिल हैं. इसमें उन्होंने 3 बार डॉन ब्रेडमैन का भी विकेट लिया.

पहले भारतीय, जिन्होंने दो बार 300 रन बनाए

  • पहले भारतीय जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दो बार 300 रन बनाए.
  •  पहले भारतीय जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमाए.
  • पहले भारतीय जिन्होंने तीन टेस्ट मैच में लगातार शतक लगाए.
  • साल 1951-52 में अपनी कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया को पहली जीत दिलाई.
  • जसू पटेल के साथ पद्मश्री से नवाजे गए पहले क्रिकेट.   
  • सबसे पहले 1000 रन पूरे करने वाले भारतीय खिलाड़ी.
  • प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 595 विकेट चटकाए.

विजय हजारे ट्रॉफी को वनडे रणजी ट्रॉफी के नाम से भी जाना जाता है. ये टूर्नामेंट 2002-03 में डोमेस्टिक क्रिकेट के रूप में शुरू किया गया था. इस टूर्नामेंट में रणजी की सभी टीमें हिस्सा लेती हैं. ट्रॉफी का नाम दिग्गज भारतीय क्रिकेटर विजय हजारे के नाम पर रखा गया था.

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