B'day Special : फेल होने से डरते हैं तो ग्लेन मैक्ग्रा की स्टोरी पढ़िए, डर भाग जाएगा
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B'day Special : फेल होने से डरते हैं तो ग्लेन मैक्ग्रा की स्टोरी पढ़िए, डर भाग जाएगा

क्रिकेट में उनसे ज्यादा विकेट किसी भी तेज गेंदबाज ने नहीं लिए. लेकिन मैक्ग्रा के लिए क्रिकेट की शुरुआत इतनी आसान नहीं थी.

563 विकेट दर्ज हैं ग्लेन मैक्ग्रा के नाम पर.  फोटो : आईसीसी

नई दिल्ली : क्रिकेट के जिन फैंस ने 90 और 21वीं सदी के शुरुआती सालों के क्रिेकेट को देखा है, उन्हें पता है कि क्रिकेट की पिच पर तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा का खौफ किस कदर बल्लेबाजों के सिर पर चढ़कर बोलता था. दुनिया में विकेट कैसा भी ग्लेन मैक्ग्रा की बॉल का सामना करने से दुनिया के अच्छे से अच्छे बल्लेबाजों के पसीने छूटते थे. क्रिकेट में उनसे ज्यादा विकेट किसी भी तेज गेंदबाज ने नहीं लिए. लेकिन मैक्ग्रा के लिए क्रिकेट की शुरुआत इतनी आसान नहीं थी.

  1. तेज गेंदबाजों में सबसे कामयाब हैं ग्लेन मैक्ग्रा
  2. 2007 में क्रिकेट से ले लिया था संन्यास
  3. विश्व में विकेट लेने में अब भी चौथे नंबर पर हैं

9 फरवरी 1970 को न्यू साउथ वेल्स में जन्मे ग्लेन मैक्ग्रा की सचिन तेंदुलकर से प्रतिद्वंद्विता किसी से छिपी नहीं थी. उन्होंने सचिन को कई बार आउट किया तो सचिन ने भी कई मैचों में उनकी जमकर खबर ली. अपने 124 टैस्ट मैचों के करियर में मैक्ग्रा ने 563 विकेट लिए. वह दुनिया में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी हैं.

उनके क्रिकेट करियर से कई ऐसे पहलू जुड़े हैं, जो आपको हैरान कर देंगे.....

1.  मैक्ग्रा क्रिकेटर बनना ही नहीं चाहते थे. वह बास्केटबॉल खेलना चाहते थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी और धावक मेलिंडा गेंसफोर्ड ने उन्हें क्रिकेट के लिए बास्केटबॉल छोड़ने के लिए कहा. इस तरह से मैक्ग्रा का क्रिकेट करियर शुरू हुआ.

2. जब वह युवा थे, तो उन्हें उनके साथी उनकी खराब बॉलिंग के कारण उन्हें बॉल भी नहीं करने देते थे, वह उस समय बॉल को सही ढंग से सीम भी नहीं करा पाते थे.

3. शुरुआत में मैक्ग्रा की बॉलिंग इतनी कमजोर थी कि वह बॉल को स्टंप पर हिट ही नहीं कर पाते थे. तब उन्हें बॉलिंग सिखाने के लिए विकेट की जगह ड्रम का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद उन्होंने बॉलिंग स्टार्ट की. और जी तोड़ प्रैक्टिस करने लगे.

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4. ऑस्ट्रेलिया में ग्रेड क्रिकेट खेलने के लिए मैक्ग्रा सिडनी आ गए. उन्हें यहां बीच केरावेन में रहना पड़ा. जीवन यापन के लिए एक बैंक में काम किया. लेकिन अपने ऊपर भरोसा इतना था कि बैंक में विड्राल स्लिप पर साइन कर अपने कलीग को देते और कहते मैं एक दिन बहुत फेमस आदमी बनूंगा.

5. पहली बार 1993 में जब ऑस्ट्रेलियाई टीम में सिलेक्शन हुआ तो लगा सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन हुआ नहीं. पहला टेस्ट न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला. लेकिन पहले 8 टेस्ट में कुछ कमाल नहीं कर सके. टीम से बाहर कर दिए गए. लेकिन वह अपने प्रयास से कभी पीछे नहीं हटे. 1994-95 में वेस्ट इंडीज के दौरे पर उन्हें फिर से टीम में चुना गया. यहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा..

...और बन गए दुनिया के सबसे कामयाब तेज गेंदबाज
आंकड़ों के हिसाब से भी बात करें तो ग्लेन मैक्ग्रा दुनिया के अब तक सबसे कामयाब और खतरनाक तेज गेंदबाज हैं. उनके नाम पर टेस्ट क्रिेकेट में 563 विकेट दर्ज हैं. उनसे आगे सिर्फ तीन स्पिनर, मुरलीधरन, शेन वार्न और अनिल कुंबले हैं.

इंग्लैंड टीम के कप्तान माइक अथर्टन को मैक्ग्रा ने 19 बार आउट किया. टेस्ट क्रिकेट में एक बॉलर ने किसी भी बल्लेबाज को इतनी बार आउट नहीं किया है. ब्रायन लारा उन्होंने 13 बार टेस्ट क्रिकेट में आउट किया.

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2007 में वर्ल्डकप जिताने के बाद उन्होंने तब क्रिकेट को अलविदा कहा, जब वह पीक पर थे. वर्ल्डकप में उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिया गया. वनडे क्रिकेट में मैक्ग्रा ने 250 मैचों में 381 विकेट लिए.

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