1 Million Years Old DNA: वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में खोजा 10 लाख वर्ष पुराना DNA, क्या खुलने वाला है कोई बड़ा रहस्य?
Advertisement

1 Million Years Old DNA: वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में खोजा 10 लाख वर्ष पुराना DNA, क्या खुलने वाला है कोई बड़ा रहस्य?

Discovery in Antarctica: अंटार्कटिका के उत्तर में स्कोटिया सागर के तल के नीचे वैज्ञानिको कों कार्बनिक पदार्थों के अंश मिले हैं. बताया जा रहा है कि यह अब तक पाया  गया सबसे पुराना समुद्री सेडाडीएनए है. 

1 Million Years Old DNA: वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में खोजा 10 लाख वर्ष पुराना DNA, क्या खुलने वाला है कोई बड़ा रहस्य?

Big Discovery By Scientists In Antarctica: पृथ्वी पर जीवन कब से है? यह एक ऐसा सवाल जिसका संतोषजनक उत्तर अभी तक मिल नहीं पाया है. अक्सर इस सवाल के उत्तर में नए-नए दावे किए जाते हैं अब वैज्ञानिकों को 10 लाख वर्ष पुराना डीएनए का अंश मिला जो पृथ्वी पर जीवन की उतपत्ति को लेकर नई बहस छेड़ सकता है.

अंटार्कटिका के उत्तर में स्कोटिया सागर के तल के नीचे वैज्ञानिको कों कार्बनिक पदार्थों के अंश मिले हैं. तलछटी में पाए गए डीएनए को सेडाडीएनए (sedaDNA) कहते हैं. बरामद किए गए नमूने अंटार्कटिका के इतिहास और भविष्य को समझने में मददगार हो सकते हैं.

'अब तक का सबसे पुराना प्रमाणित समुद्री सेडाडीएनए' 
ऑस्ट्रेलिया में तस्मानिया यूनिवर्सिटी की मरीन ईकोलॉजिस्ट लिंडा आर्मब्रेक्ट का कहना है कि ये अब तक का सबसे पुराना प्रमाणित समुद्री सेडाडीएनए है. अब तक सेडाडीएनएन अलग-अलग वातावरण में मिला है जिसमें गुफाएं, सबआर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट शामिल हैं,  ये 4 लाख और 6.5 लाख साल पुराने डीएनए थे. 

ठंडे तापमान, कम ऑक्सीजन, और यूवी विकिरण की कमी ध्रुवीय समुद्री वातावरण बनाती है जिससे स्कोटिया सागर जैसी लोकेशन में सेडाडीएनए सुरक्षित रहते हैं. बरामद डीएनए 2019 में समुद्र तल से निकाला गया था और और इसे कंटैमिनेशन कंट्रोल प्रोसेस से गुजरना पड़ा ताकि डीएनए की उम्र सुनिश्चित हो सके.

यह नया शोध इस बात का प्रमाण है कि ये सेडा तकनीक हजारों सालों के पारिस्थितिक तंत्र को समझन में मददगार साबित हो सकती है, जिससे हमें यह पता चलता है कि महासागर कैसे बदले.

सटीक भविष्यवाणियां करने की उम्मीद
पिछले जलवायु परिवर्तनों और महासागर पारिस्थितिकी तंत्र इस पर प्रतिक्रिया को जानने का मतलब है कि दक्षिण ध्रुव के आसपास आगे क्या हो सकता है, इसके लिए अधिक सटीक मॉडल और भविष्यवाणियों के बारे में जानकारी.

शोधकर्ताओं ने अपने प्रकाशित पत्र में लिखा है, "अंटार्कटिका पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे कमजोर क्षेत्रों में से एक है, और पर्यावरणीय परिवर्तन के लिए इस ध्रुवीय समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के अतीत और वर्तमान प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करना एक जरूरी विषय है." शोध नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित किया गया है.

(ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर)

 

Trending news