Trending News: वैज्ञानिकों के लिए पहेली बने जहरीले पानी के मगरमच्छ! तेजी से बढ़ा रहे अपनी आबादी
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Trending News: वैज्ञानिकों के लिए पहेली बने जहरीले पानी के मगरमच्छ! तेजी से बढ़ा रहे अपनी आबादी

American crocodile: पानी अगर जहरीला हो तो यह किसी भी जानवर के लिए जानलेवा हो सकता है लेकिन यहां कुछ ऐसे मगरमच्छ हैं जो बेहद दूषित पानी में भी अपनी आबादी तेजी से बढ़ा रहे हैं.

फाइल फोटो

Costa Rica crocodile: नदी में या पानी में रहने वाले जानवरों के लिए यह सबसे जरूरी है कि नदी का पानी साफ हो. अगर पानी किसी भी तरह से दूषित होता है तो यह पीने वालों को तो नुकसान करता ही है, साथ ही इसमें रहने वाले जीवों पर भी बुरा असर दिखाता है लेकिन वैज्ञानिक को इन दिनों एक जीव ने हैरान कर रखा है. पानी में रहने वाला मगरमच्छ जो एक समय पर रेड लिस्ट का हिस्सा बन गया था लेकिन अब तेजी से अपनी आबादी बढ़ा रहा है. इसे देखकर सभी वैज्ञानिक हैरान है क्योंकि यह जिस पानी में जिंदा है उसमें किसी जीव का जिंदा रहना आसान नहीं है. यह पानी इतना ज्यादा दूषित है कि इसका पानी बिलकुल जहरीला हो चुका है. इस नदी की हालत किसी सीवर की तरह हो चुकी है.

क्या है पूरा मामला

कोस्टा रिका की राजधानी सैन जोस के घरों से निकलने वाला कचरा और वहां के कारखानों से निकल रही गंदगी सीधे तारकोस्ल नदी में जाती है. इसके आस-पास के इलाकों पर नजर डालें तो यहां हमेशा कचरा, टायर और प्लास्टिक समेत तरह-तरह की गंदगी नजर आती है. कोस्टा रिका के मशहूर बायोलॉजिस्ट इवान सैंडोवल की मानें तो यह पानी सबसे ज्यादा दूषित और जहरीला है. टारकोल्स में हेवी मेटल, नाइट्राइट, नाइट्रेट और इंसानों द्वारा की गई तरह-तरह की गंदगी पाई जाती है लेकिन फिर भी यहां मगरमच्छों की यह प्रजाति मौजूद है जो इस जहरीले पानी में रह रही है और अपनी आबादी बढ़ा रही है.

खतरे में थी प्रजाति अब बढ़ा रही आबादी

इंटरनेशनल यूनियन ऑफ कंजरवेशन ऑफ नेचर (IUCN) के आंकड़े बताते हैं कि पहले इस मगरमच्छ की आबादी दुनियाभर के 18 देशों को मिलाकर केवल 5000 थी क्योंकि इनका बुरी तरह से शिकार किया गया और इसके नेचुरल हैबिटेट को बर्बाद कर दिया गया लेकिन अब फिर से इनकी आबादी में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिली रही है. वैज्ञानिकों का कहना है कि साल 1980 के बाद फिर से इनकी आबादी ठीक हो रही है. कोस्टा में इनकी संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है. हैरान करने की बात ये है कि पानी में सैकड़ों बैक्टिरिया होने के बाद भी इन मगरमच्छों पर इनका कोई असर नहीं हो है. यह मगरमच्छ यहां पूरी तरह से सेहतमंद हैं.

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