Asteroid: पृथ्वी के बेहद करीब आ गया एस्टेरॉयड, वैज्ञानिकों को भी नहीं था इस बात का अंदाजा
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Asteroid: पृथ्वी के बेहद करीब आ गया एस्टेरॉयड, वैज्ञानिकों को भी नहीं था इस बात का अंदाजा

यह एस्टेरॉयड इतना आश्चर्यजनक इसलिए था क्योंकि, वह सूर्य के पीछे था. ये दिन के समय पृथ्वी की ओर आ रहा था. एस्टेरॉयड (Asteroid) 2021 UA1 पृथ्वी के करीब से गुजरने वाला तीसरा सबसे निकटतम एस्टेरॉयड है.

Asteroid: पृथ्वी के बेहद करीब आ गया एस्टेरॉयड, वैज्ञानिकों को भी नहीं था इस बात का अंदाजा

वॉशिंगटन: पृथ्वी (Earth) के करीब मौजूद चीजों यानी नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स के खतरों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक लगातार नजर बनाए रखते हैं, लेकिन हाल ही में एक रेफ्रिजरेटर के आकार का एस्टेरॉयड पृथ्वी के 3000 किमी के दायरे में आ गया और वैज्ञानिकों को इसका पता तक नहीं लगा. एस्टेरॉयड (Asteroid) 2021 UA1 पृथ्वी के करीब से गुजरने वाला तीसरा सबसे निकटतम एस्टेरॉयड है.

  1. पृथ्वी के करीब से गुजरने वाला तीसरा सबसे निकटतम एस्टेरॉयड.
  2. 3000 किमी के दायरे में आ गया.
  3. बड़े एस्टेरॉयड के खतरे से निपटने के लिए तैयारी कर रहे वैज्ञानिक.
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वैज्ञानिक इस वजह से नहीं लगा पाए पता

रविवार को ये एस्टेरॉयड (Asteroid) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की तुलना में अधिक ऊंचाई पर अंटार्कटिका के ऊपर से गुजरा. हालांकि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसकी ऊंचाई संचार उपग्रहों से कम होगी जो पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं.

खगोलशास्त्री टोनी डन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस एस्टेरॉयड का व्यास सिर्फ दो मीटर है, जिसका मतलब है कि अगर ये हमारे ग्रह के करीब आता तो यह हमारे वातावरण में जल जाता. यह एस्टेरॉयड इतना आश्चर्यजनक इसलिए था क्योंकि, वह सूर्य के पीछे था. ये दिन के समय पृथ्वी की ओर आ रहा था. यही कारण है कि सबसे करीब आने से पहले इसका पता नहीं लगाया जा सका. 

दो बार बेहद करीब आए एस्टेरॉयड

पृथ्वी के इतिहास में सिर्फ दो एस्टेरॉयड बेहद करीब आए हैं. इनमें एक एस्टेरॉयड 2020 QG, दक्षिणी हिंद महासागर के ऊपर सिर्फ 1,830 मील की दूरी पर से गुजरा था. हालांकि इसका आकार इतना छोटा था कि इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं था. दूसरा एस्टेरॉयड 2020 VT4  पिछले साल नवंबर में पृथ्वी से कुछ सौ मील की दूरी से गुजरा था. 

वैज्ञानिकों के मुताबिक, एस्टेरॉयड पृथ्वी को नुकसान पहुंचाने के लिए बहुत छोटे हैं और किसी बड़े एस्टेरॉयड के खतरे से निपटने के लिए वैज्ञानिक तैयारी कर रहे हैं.

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नासा (NASA) का मिशन

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा लगातार एस्टेरॉयड को समझने की कोशिश कर रही है. नासा का 'साइकी मिशन और 'डार्ट मिशन' इसी को लेकर है. नासा के डार्ट मिशन के तहत स्पेसक्राफ्ट एक एस्टेरॉयड के साथ तेजी से टकराएगा और उसे प्रभावित करेगा. नासा के इस मिशन का नाम, DART यानी Double Asteroid Redirection Test है.

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