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नई दिल्ली: यूपी के बिना देश की राजनीति की कल्पना करना मुश्किल है. आज यानी कि 10 मार्च 2022 को इसी सबसे महत्वपूर्ण राज्य के चुनावी नतीजे आने वाले हैं. हालांकि अधिकारिक तौर पर नतीजे आने में अभी कुछ घंटे बाकी हैं, लेकिन उससे पहले ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि इस बार यूपी में योगी ही आएंगे या कोई और....!
ज्योतिषाचार्य आचार्य आलोक अवस्थी 'वेदाश्वपति' कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी का गठन 6 अप्रैल 1980 को हुआ था. पार्टी की कुंडली के लिहाज से उसके लिए मई 2022 तक का समय बहुत अच्छा नहीं दिखता है परन्तु मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ जी की पत्री में राजयोग दिख रहा है. हालांकि योगी जी की अभी साढ़े साती (शनि का चंद्र पर गोचर) चल रही है जिसके कारण उनके जीवन में मानसिक तनाव और संघर्ष दिखाई देता है. लेकिन जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी और पीएम नरेंद्र मोदी की दशाओं पर नजर डालते हैं तो एक ओर पार्टी उत्तर प्रदेश में बहुमत से सरकार बनाती हुई दिखती है तो वहीं अन्य राज्यों जैसे पंजाब, उत्तराखंड में पार्टी की हालत कुछ चिंताजनक लग रही है.
उत्तर प्रदेश की कुंडली पर नजर डालें तो इस राज्य का गठन 1 अप्रैल 1937 को हुआ था. उत्तर प्रदेश का लग्न धनु है और लग्नेश गुरु दूसरे भाव में, शनि, बुध और सूर्य चौथे भाव में, शुक्र पांचवे भाव में, केतु छठवें और मंगल, राहु एवं चंद्र बारहवें भाव में स्थित हैं. 2031 तक राहु की महादशा चल रही है. जिसमें 2023 तक बुध की अन्तर्दशा चल रही है. इस तरह मौजूदा ग्रह दशाओं के मुताबिक उत्तर प्रदेश की पत्री में राज्य की सत्ता बदलते हुए नहीं दिख रही है, लिहाजा इससे भी साफ इशारा मिलता है कि योगी जी ही फिर से सरकार बनाएंगे.
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उत्तर प्रदेश की कुंडली में एक और बात ध्यान रखने योग्य है कि बाहरवें भाव में चंद्र और मंगल के साथ स्थित राहु अपनी महादशा में उत्तर प्रदेश को प्रसिद्धी दिलाएगा. राहु की महादशा और इसके बाद दूसरे भाव में स्थित लग्नेश व चतुर्थेश गुरु की महादशा में उत्तर प्रदेश धर्म, पर्यटन, उद्योग, आदि क्षेत्र में धनी राज्य बनने के साथ-साथ भारत की नई आर्थिक राजधानी बनकर उभरेगा. राहु की महादशा में 2023 से प्रारम्भ होने वाली केतु की अंतर दशा उत्तर प्रदेश से एक नए अरविन्द घोष को समाज में उच्च पद पर पहुंचायेगी. वहीं राहु (आधुनिक विचार और रहन-सहन वाले) तो वहीं केतु सन्यासी विचारधारा वाले व्यक्ति का उदय दिखाता है. यानी कि हर तरफ से इशारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर ही जाता है.
चुनावी नतीजों की ग्रह दशाओं के साथ-साथ यूपी के प्रमुख नेताओं की कुंडली के अध्ययन से पता चलता है कि हाथी की चाल असरदार नहीं रहेगी. बसपा के 2-3 सीटों तक ही सिमटने की आशंका है. वहीं प्रियंका गांधी कांग्रेस के लिए 15-20 सीटों तक लाती दिख रही हैं. यूपी में सपा, कमल को अच्छी टक्कर देती दिख रही थी लेकिन नतीजे बीजेपी के ही हक में आने के पूरे आसार हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)