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Bageshwar Dham: छू नहीं सकते बाबा धीरेंद्र शास्त्री के पैर! हैरान कर देगी वजह

Bageshwar Dham Dhirendra Krishna Shastri: बागेश्वर धाम और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सुर्खियों में हैं. भक्तों का दुख दूर करना हो या लोगों की पोल पट्टी खोल देना. उनकी हर अदा के लोग कायल हैं. इस प्रसिद्धि के साथ बाबा को कुछ लोगों की आलोचना भी मिली है. ऐसे लोगों ने सही पर्चा बनाने के एवज में एक करोड़ रुपये का इनाम देने का चैलेंज भी दिया है. इससे इतर उनके भक्त ये जानना चाहते हैं कि आखिर उनके पास कौन सी सिद्धी है जिसे वो बाला जी की कृपा बताकर एक पेन और कागज के सहारे लोगों का भविष्य लिख देते हैं. वहीं इसके साथ ही क्या आप जानते हैं कि भविष्य बाचने वाले बागेश्वर बाबा आखिर सबको अपने पैर क्यों नहीं छूने देते हैं? आइए आज बाबा के इस रहस्य से पर्दा उठाते हैं.

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संत समाज की महिमा का गुणगान करना आसान नहीं है. तुलसीदास जी ने भी लिखा है कि 'बिनु हरि कपा मिलहिं नहिं संता' यानी भगवान की कृपा के बिना संतों का साथ नहीं मिलता है. भारत में युगों-युगों से संत लोक कल्याण की भावना से भगवान का गुणगान करते हुए लोगों के भक्ति भाव को बढ़ा रहे हैं. ऐसे ही सनातनी बाबाओं की बात करें तो इन दिनों भारत में बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की चर्चा जमकर हो रही है. कुछ लोग और संस्थाओं ने उनका विरोध शुरू किया तो उनकी ख्याति और बढ़ गई यानी पहले से लाखों के दिलों में बसे बागेश्वर बाबा सोशल मीडिया की ताकत से करोड़ों लोगों के दिलों में पहुंच गए. 

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बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी देश के अन्य कथावाचकों की तरह देशभर में अपना दरबार लगा रहे हैं. उनके आयोजनों में नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक की हाजिरी लग रही है. हाल में धीरेंद्र शास्त्री कन्याओं के विवाह समारोह को लेकर भी खासे चर्चा में रहे. उनके समारोह में कई दिग्गज लोगों ने शिरकत की थी.

 

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बाबा के दरबार में अब लाखों भक्त इस आस में पहुंच रहे हैं कि हनुमान जी की कृपा से शायद बाबा की नजर उन पर पड़ जाए और वो उनकी मनोकामना भी पूरी कर दें. बाबा धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन से लेकर उनका चमत्कार देखने की आस रखने वाले लोग उनका पैर छूने के लिए भी लालायित रहते हैं. लोग उनका अटेंशन पाने के लिए घंटो तक इंतजार करते हैं लेकिन बाबा अपने पैर किसी से नहीं छुआते हैं. 

 

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कोई भक्तिभाव में या श्रद्धा से उनके आगे झुक जाए ये बात अलग है. वैसे बाबा अपने पैर किसी से नहीं छुआते. इसके पीछे भी खास वजह है. ये वजह खुद बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने एक इंटरव्यू में बताई थी.

 

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बाबा धीरेंद्र शास्त्री की मानें तो वो अपने पैर किसी को छूने नहीं देते इसके पीछे का रहस्य है बालाजी. दरअसल बाबा बताते हैं कि उनके पास बालाजी का मुगदर है. इस मुगदर को वो अपनी साधना बताते हैं. इस साधना को चलते वे किसी को खुद को छूने नहीं देते खास तौर पर पैरों को छूना मना है.

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बाबा कहते हैं कि पैर छूने से उनकी साधना भंग हो सकती है. इतना ही नहीं बाबा की मानें तो अगर कोई उनके पैर छू ले तो उनके शरीर पर भी इसका असर पड़ सकता है.

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सनातन परंपरा में अपनों से बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद (Blessings) पाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. माता-पिता, गुरु या फिर किसी वरिष्ठ व्यक्ति के पैर छूने के पीछे आशीर्वाद पाने की कामना निहित है. यही कारण है कि हिंदू धर्म में लोग मंगल कामना का भाव लिए अपने से बड़ों का चरण स्पर्श करते हैं. लोग बिना नहाए मंदिर भी नहीं जाते हैं. ऐसे में कई संत और गुरु अपनी साधना और पवित्रता का ध्यान रखते हुए लोगों से अपने पैर नहीं छुआते हैं.

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