Ramlila: हनुमान जी ने लंका की वाटिका उजाड़ सबसे पहले मारा रावण का पुत्र अक्षय, किसने चलाया हनुमान पर ब्रह्मास्त्र
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Ramlila: हनुमान जी ने लंका की वाटिका उजाड़ सबसे पहले मारा रावण का पुत्र अक्षय, किसने चलाया हनुमान पर ब्रह्मास्त्र

हनुमान जी ने लंका की वाटिका उजाड़ सबसे पहले मारा रावण का पुत्र अक्षय, किसने चलाया हनुमान पर ब्रह्मास्त्र?

 

Ramlila: हनुमान जी ने लंका की वाटिका उजाड़ सबसे पहले मारा रावण का पुत्र अक्षय, किसने चलाया हनुमान पर ब्रह्मास्त्र

RAMLILA: लंका पहुंचते ही हनुमान जी ने अपनी शक्ति का अहसास कराते हुए रावण और उसकी सेना को यह संदेश देने का प्रयास किया कि जब श्री राम का एक सेवक इतना कुछ कर सकता है तो स्वयं श्री राम के आने पर तो रावण और उसके साम्राज्य का ध्वस्त होना तय ही है. यह पता लगने पर कि रावण ने माता सीता को अशोक वाटिका में कड़ी सुरक्षा के घेरे में रखा हुआ है तो हनुमान जी वहीं पर चले गए और श्री राम की अंगूठी देकर यह बताया कि वह श्री राम के दूत के रूप में ही उनका पता लगाने लंका में आए हैं. 

हनुमान जी ने माता सीता को दिखाया अपना विशाल स्वरूप

इसके बाद उन्होंने सीता जी से यहां तक कहा कि वह उन्हें अकेले ही ले जा सकते हैं किंतु इसके लिए प्रभु श्री राम की आज्ञा ही नहीं है. उनकी शक्ति पर सीता जी ने संदेह करते हुए कहा कि वानर तो बहुत छोटे और कमजोर होते हैं जबकि राक्षस बहुत बलशाली, वानरों की सेना उनका कैसे मुकाबला कर सकेगी तो हनुमान जी ने अपना विशाल स्वरूप प्रकट किया जिसे देख कर दुश्मन युद्ध में डर जाए. फिर वह सामान्य स्वरूप में आ गए.

रावण के पुत्र अक्षय कुमार को मार डाला

भूख लगने पर हनुमान जी अशोक वाटिका में लगे फलों को तोड़ कर खाने लगे. इस पर वहां की सुरक्षा करने वालों ने उन्हें मारने की चेष्टा की तो हनुमान ने उनमें से बहुतों को मार डाला और कई सैनिकों का घायल कर दिया. डर कर सैनिक वहां से भागकर सीधे रावण के दरबार में पहुंचे और पूरा किस्सा बताया कि एक बंदर ने पूरी अशोक वाटिका को उजाड़ने के साथ ही तमाम सैनिकों को मार दिया है. इस पर रावण ने अपने छोटे पुत्र अक्षय कुमार को सैनिकों के साथ भेजा लेकिन यह क्या, हनुमान जी ने उसे भी सैनिकों के साथ मार डाला. 

मेघनाद ने ब्रह्मास्त्र चलाया तो मूर्छित हो गए हनुमान जी

पुत्र वध की जानकारी पर रावण बहुत क्रोधित हुआ और उसने अपने उस पुत्र मेघनाद को भेजा जिसने इंद्र को भी पराजित किया था. रावण ने कहा कि उस बंदर को पकड़ कर ले आना. मेघनाद को देखते ही हनुमान जी ने एक बड़ा सा पेड़ उखाड़ा और मेघनाद के ऊपर फेंका तो उसका रथ ही टूट गया. मेघनाद के सैनिकों को मारने के बाद हनुमान जी मेघनाद से सीधे भिड़ गए और एक घूंसा मार कर बेहोश कर दिया. किसी भी तरह जीतने में असफल रहने पर मेघनाद ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर हनुमान जी मूर्छित कर पकड़ लिया और रस्सी से बांध कर रावण के पास ले चले. 

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