भाद्रपद चतुर्थी से ही क्यों शुरू होता है गणेश उत्सव है? ये है रोचक वजह
Ganesh Chaturthi 2023: बुद्धि, समृद्धि, सुख, सौभाग्य के दाता भगवान गणेश का उत्सव कल 19 सितंबर 2023 से शुरू होगा. क्या आप जानते हैं कि गणेश उत्सव भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी को ही क्यों मनाते हैं.
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Ganpati Sthapana 2023: गणेश उत्सव का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. इन 10 दिनों में गणपति बप्पा अपने भक्तों के बीच आते हैं. प्रथमपूज्य गणपति कल गणेश चतुर्थी के दिन घर-घर में विराजेंगे. इसके बाद 10 दिन तक गणपति उत्सव चलेगा और फिर अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन होगा. हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित की गई है. इसलिए हर चतुर्थी तिथि को गणेशजी के लिए व्रत रखा जाता है और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस तरह साल में पड़ने वाली सभी 24 चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश उत्सव भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से ही क्यों शुरू होता है या इस गणेश चतुर्थी को ही क्यों विशेष माना और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है.
भाद्रपद गणेश चतुर्थी की कहानी
पौराणिक कथाओं के अनुसार चतुर्थी तिथि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश का जन्म हुआ था इसलिए चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है. वहीं मान्यता है कि भाद्रपद मास की चतुर्थी को ही गणेश जी ने महाभारत को लिखना शुरू किया था. इसलिए गणेश उत्सव भाद्रपद गणेश चतुर्थी को ही मनाया जाता है.
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को ही शिव जी ने गणेश जी को पुनर्जीवित किया था. दरअसल शिव जी ने गुस्से में गणेश जी का सर धड़ से अलग कर दिया था. इसके बाद माता पार्वती की नाराजगी को दूर करने के लिए शिव जी ने गणेश जी को हाथी का मस्तक लगाकर जीवनदान दिया था. इसलिए भी इसी दिन गणेश उत्सव मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी 2023
इस साल गणेश उत्सव 19 सितंबर से शुरू हो रहा है और 28 सितंबर को इसका समापन होगा. गणपति बप्पा इन 10 दिनों के बीच अपने भक्तों के बीच रहकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करेंगे. उनके सारे दुख दूर करेंगे और उन्हें बुद्धि, धन-समृद्धि और सुख देंगे. वहीं भक्त इन 10 दिनों के दौरान गणेश जी की पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ उन्हें उनके प्रिय मोदक और लड्डुओं का भोग लगाएंगे.
साथ ही इस दौरान गणेश पंडालों की सजावट देखने लायक होती है. 10 दिन के उत्सव के दौरान गणेश प्रतिमाओं का आगमन और विसर्जन ढोल-ताशों और विशाल शोभायात्राओं के साथ किया जाता है. इस बार 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)