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गुलाम नबी की बेटी सोफिया आजाद.. क्यों चर्चा में, भाई की तरह राजनीति में करेंगी एंट्री?

Ghulam Nabi Azad daughter: क्या सोफिया भी भाई सद्दाम की तरह सक्रिय राजनीति में प्रवेश करेंगी? पार्टी और जनता के बीच उनकी बढ़ती उपस्थिति इस ओर संकेत करती है कि गुलाम नबी आजाद के परिवार से एक और सदस्य राजनीति में अपनी जगह बना सकता है.

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अभी कुछ ही समय पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान गुलाम नबी आजाद की बेटी सोफिया पहली बार रैलियों में नजर आईं थीं. इस समय भी सोशल मीडिया पर उनके बारे में खूब चर्चाएं हैं. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के चेयरमैन गुलाम नबी आजाद के साथ सोफिया ने प्रचार में सक्रिय भागीदारी की. पिता की बढ़ती उम्र और सेहत का ख्याल रखते हुए सोफिया ने पार्टी के कार्यों में हाथ बंटाना शुरू कर दिया है.

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असल में बीमार होने के कारण एम्स में भर्ती रहे गुलाम नबी आजाद ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी. लेकिन सेहत में सुधार के बाद उन्होंने फिर से रैलियां शुरू कीं. इस दौरान सोफिया की मौजूदगी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय रही. रैलियों में सोफिया का गर्मजोशी से स्वागत हुआ, जिससे उनके सक्रिय राजनीति में प्रवेश की अटकलें और तेज हो गईं थीं.

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गुलाम नबी आजाद के बेटे सद्दाम नबी आजाद पहले ही राजनीति में कदम रख चुके हैं. इंग्लैंड से पढ़ाई करने वाले सद्दाम पार्टी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. वहीं, पत्रकारिता में शिक्षित सोफिया का रैलियों में शामिल होना परिवार के राजनीतिक दायरे को और मजबूत करता दिख रहा है.

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गुलाम नबी आजाद ने रैलियों में लोगों को जोड़ा, स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दी. उन्होंने कहा था कि चुनावी घोषणापत्र 24 घंटे से ज्यादा मायने नहीं रखता. हर गांव और क्षेत्र की समस्याएं अलग होती हैं. यह सोफिया के लिए सीखने का मौका बना, जहां उन्होंने जमीनी स्तर की राजनीति को नजदीक से समझा.

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सितंबर 2022 में बनी DPAP के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने पार्टी को नई दिशा दी. अब उनकी बेटी सोफिया की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. क्या वह भी भाई सद्दाम की तरह सक्रिय राजनीति में प्रवेश करेंगी? पार्टी और जनता के बीच उनकी बढ़ती उपस्थिति इस ओर संकेत करती है कि गुलाम नबी आजाद के परिवार से एक और सदस्य राजनीति में अपनी जगह बना सकता है.

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