पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पुनः कार्यभार सौंपने के निर्देश दे दिये हैं.
बता दें अरुण जेटली के बीमार होने के बाद से ही पीयूष गोयल को अस्थाई तौर पर वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जिसके बाद से पिछले तीन महीनों से पीयूष गोयल ही वित्य मंत्रालय संभाल रहे थे. (फोटो साभारः ANI)
दरअसल, जेटली ने अप्रैल माह ट्वीट के जरिए अपनी बीमारी की पुष्टी की थी. जिसके बाद अप्रैल में ही जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट होना था, लेकिन डोनर का अंग मैच न करने कारण अप्रैल में किडनी ट्रांसप्लांट रोक दिया गया. (फोटो साभारः ANI)
मई में दूसरा डोनर मिलने के बाद ही केंद्रीय मंत्री का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी की गई. इस दौरान उनके स्वस्थ होने तक वह बिना विभाग के मंत्री बनाए गए थे.
बता दें केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की कुछ समय पहले ही दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रेनल (गुर्दा संबंधी) ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई थी. (फोटो साभारः ANI)
2014 में भी केंद्रीय मंत्री की बैरियाट्रिक सर्जरी हुई थी. डायबिटीज की समस्या के चलते बढ़ रहे वजन को कम करने के लिए उन्होंने यह सर्जरी कराई थी.
पिछली बार जेटली को एम्स के कार्डियो-न्यूरो टॉवर में 6 अप्रैल को भर्ती कराया गया था. उन्हें डोनर और खुद के बीच किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए कागजी कार्यवाई पूरा करने के बाद भर्ती किया गया था. (फोटो साभारः ANI)
बता दें केंद्रीय मंत्री को किडनी डोनेट करने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी गई है.
वहीं स्वास्थ्य समस्याओं के दौरान भी अरुण जेटली सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहे और विभिन्न आर्थिक और गैर-आर्थिक मुद्दों पर ब्लॉग लिखे. स्वास्थ्य संबंधी समस्या के चलते ही वो पूर्व प्रधानमंत्री की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाए थे. जिस पर उन्होंने खेद भी जताया था.
ट्रेन्डिंग फोटोज़