Shahbaz Sharif: झुक गए शरीफ! 'बिना शर्त बातचीत' के लिए PAK सरकार ने भेजा इमरान खान को न्योता, दिया ये रिएक्शन
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Shahbaz Sharif: झुक गए शरीफ! 'बिना शर्त बातचीत' के लिए PAK सरकार ने भेजा इमरान खान को न्योता, दिया ये रिएक्शन

Pakistan News: पाकिस्तान में जारी राजनीतिक संकट (Pakistan political crisis) के बीच ऐसा लग रहा है कि मुल्क की हुकूमत पर राज कर रही शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) की सरकार पहली बार इमरान खान (Imran Khan) के आगे बैकफुट पर नजर आई है. आखिर क्या वजह है इसकी आइए जानते हैं.

फाइल

Pakistan Political Crisis, PTI : पाकिस्तान में शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) की सरकार ने देश के पूर्व पीएम इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (PTI) को ‘बिना शर्त बातचीत’ करने के लिए न्योता भेजा है. सरकार के दो बड़े मंत्रियों ने कहा कि बातचीत राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा होती है और जटिल समस्याएं तभी सुलझती हैं, जब दोनों पक्ष एक-दूसरे की बात सुनते हैं.

'धमकियां और बातचीत एक साथ नहीं'

रेल मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने देश के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, विपक्षी पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ को समय से पहले आम चुनाव कराने पर गतिरोध को दूर करने के लिए सरकार के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि धमकियां और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती हैं.

काम कर गई विधानसभा भंग करने की धमकी

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अगर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली संघीय सरकार बातचीत के जरिये मसलों का समाधान कर आम चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं करती है, तो वह पंजाब एवं खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की विधानसभाओं को भंग कर देंगे. पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में इमरान खान की पार्टी (PTI) सत्ता में है. 

इमरान खान ने पिछले हफ्ते बयान दिया था कि उनके सभी नेता प्रांतीय विधानसभाओं से इस्तीफा दे देंगे. जिसके बाद रफीक ने कहा था कि, ‘उन्हें बिना शर्त वार्ता के लिए हमारे साथ बैठना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘बातचीत की जरूरत उन्हें है, हमें नहीं. वे बातचीत की बात शुरू करते हैं और फिर इसके बारे में बात करने से भी कतराते हैं. बातचीत राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा होती है और जटिल समस्याओं का समाधान तब होता है, जब दोनों पक्ष एक-दूसरे की बात सुनते हैं.'

रेल मंत्री ने यह भी कहा कि विधानसभाओं का भंग होना पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के नेतृत्व वाली सरकार के लिए गर्व की बात नहीं है . उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि विधानसभाएं अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करें.’

गृह मंत्री ने किया स्वागत

पाकिस्तानी गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने भी बातचीत के लिए खान की पेशकश का स्वागत किया था. खान को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री के पद से हटना पड़ा था. खान पाकिस्तान में नए सिरे से आम चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली संघीय सरकार अभी चुनाव कराने का विरोध कर रही है. आपको बताते चलें कि मौजूदा नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगस्त 2023 में समाप्त होगा.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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