Quad Summit: चीन की जापान को धमकी- 'दूसरों के मामलों में टांग न अड़ाएं', ड्रैगन को रोकने के लिए बन रहे कई गठबंधन
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Quad Summit: चीन की जापान को धमकी- 'दूसरों के मामलों में टांग न अड़ाएं', ड्रैगन को रोकने के लिए बन रहे कई गठबंधन

Quad Summit 2022: जापान में क्वाड सम्मेलन चल रहा है. इसे लेकर चीन काफी बौखलाया हुआ है. लगातार दूसरे दिन चीन ने इस कार्य़क्रम को लेकर कड़ी प्रतक्रिया दी है. इस बार उसने जापान को धमकी दी है कि वह दूसरे के मामलों में टांग न अड़ाए. जानिए पूरा मामला.

चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा

Indo Pacific Tension: एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच तीन महीने से युद्ध चल रहा है, तो दूसरी तरफ चीन और ताइवान के बीच भी लंबे समय से तनाव बना हुआ है. कभी भी युद्ध होने की आशंका जताई जा रही है. इन सबसे अलग अब चीन और जापान में भी टकराहट नजर आने लगी है. दरअसल, जापान में इन दिनों क्वाड सम्मेलन चल रहा है. इसे लेकर चीन कड़े बयान दे रहा है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इसे लेकर सोमवार को कहा था कि अमेरिका की यह रणनीति कामयाब नहीं होगी. वहीं अब वांग यी ने क्वाड की मेजबानी कर रहे जापान को कहा है कि वह दूसरों के मामलों में टांक न अड़ाए.

क्वाड और ऑकस ने बढ़ाई चीन की चिंता

दरअसल अलग-अलग देशों के बीच अपने-अपने हितों की रक्षा के लिए लगातार गठबंधन बन रहे हैं. एशिया में भी ऐसे कुछ गठबंधन बने हैं, लेकिन चीन इन्हें अपने खिलाफ मानता है. ऐसा ही एक गठबंधन है 'क्वॉड', जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल है. इस गठबंधन का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा है, लेकिन चीन इससे सहमत नहीं है. उसे लगता है कि क्वाड सिर्फ उसे घेरने के लिए है. इसलिए वह लगातार इसकी आलोचना करता है. इसी तरह का एक और गठबंधन बना है जिसका नाम 'ऑकस' है. इसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. चीन इसे भी शक की नजर से देखता है और उसका मानना है कि 'क्वाड' और 'ऑकस' एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं.

चीन के प्रभाव को कम करना मकसद

दरअसल, चीन का दबदबा पिछले कुछ साल में लगातार बढ़ता जा रहा है. अमेरिका चीन के इस दबदबे को लगातार रोकना चाहता है. 'ऑकस' यह तय करने में लगा है कि चीन क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर अपना रुतबा न बढ़ा सके. इसके अलावा कुछ और छोटे बड़े गठबंधन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने के मकसद से बने हैं.

चीन और ताइवान की टकराहट से बढ़ी टेंशन

बता दें कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन और ताइवान के बीच चल रही टकराहट की वजह से काफी समय से युद्ध की आशंका बनी हुई है. चीन ताइवान को जबरन अपने क्षेत्र में मिलाना चाहता है, जबकि ताइवान इसके लिए किसी कीमत पर तैयार नहीं है. युद्ध के खतरे को देखते हुए जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, ताइवान और दक्षिण पूर्व एशियाई देश अमेरिका को साथ लेकर या उसके बिना भी बहुस्तरीय गठबंधन में शामिल करने में लगे हुए हैं ताकि हर देश की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

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