Pakistan के लिए 2000 करोड़ का जुगाड़! बस करना होगा ये काम; नहीं रहेगी रोटी की किल्लत
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Pakistan के लिए 2000 करोड़ का जुगाड़! बस करना होगा ये काम; नहीं रहेगी रोटी की किल्लत

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) में कैश की समस्या काफी बढ़ गई है. इस बीच, एक ऐसा काम है जिसे करके पाकिस्तान इंस्टैंट कैश पा सकता है. उसकी आर्थिक तंगी कुछ हद तक खत्म हो सकती है.

Pakistan के लिए 2000 करोड़ का जुगाड़! बस करना होगा ये काम; नहीं रहेगी रोटी की किल्लत

Pakistan Financial Crisis: गंभीर आर्थिक संकट से पाकिस्तान (Pakistan) जूझ रहा है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ कुबूल ही कर चुके हैं कि पाकिस्तान दिवालिया हो नहीं रहा है, बल्कि हो चुका है. और इसीलिए अब हम पाकिस्तान को कुछ बहुमूल्य सुझाव भी देंगे ताकि मुश्किल की इस घड़ी में वो इस उपाय को आजमा कर कुछ कैश इकट्ठा कर सके. रोटी को मोहताज पाकिस्तान की परेशानी इससे थोड़ी कम हो सकती है. इससे वो अपना लगातार खाली हो रहा खजाना भर सकता है. उसको बस एक काम करना होगा, जिससे उसको करीब 2 हजार करोड़ रुपये मिल जाएंगे. दरअसल पाकिस्तान के पास कुछ ऐसी बहुमूल्य ऐसेट्स हैं, जो उसे बिना किसी शर्त इंस्टैंट कैश दिलवा सकते हैं. और ये एसेट्स क्या हैं, अब इनके बारे में जान लीजिए.

आतंकियों पर है 2 हजार करोड़ का इनाम

बता दें कि पाकिस्तान के आतंकी उसके लिए किसी ऐसेट से कम नहीं है. जान लीजिए कि हिज्बुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन अमेरिका ने 1 करोड़ डॉलर यानी पाकिस्तानी रुपयों में करीब 261 करोड़ रुपये का इनाम रखा है. इसी तरह हाफिज सईद पर भी 1 करोड़ डॉलर का नकद इनाम घोषित है. जबकि साजिद मीर पर 50 लाख डॉलर और मुल्ला फजलुल्लाह पर भी 50 लाख डॉलर का इनाम है. दाऊद इब्राहिम के सिर पर तो 2.5 करोड़ डॉलर का भारी भरकम इनाम घोषित है. इसी तरह सिराजुद्दीन हक्कानी पर 1 करोड़ डॉलर, खलील हक्कानी पर 50 लाख डॉलर, अब्दुल रहमान मक्की पर 20 लाख डॉलर और अब्दुल वली पर भी 30 लाख डॉलर का इनाम घोषित है.

दुनिया के हवाले करे आतंकी

और अगर पाकिस्तान अपनी धरती पर खुले आम घूमने वाले इन आतंकियों को पकड़कर दुनिया के हवाले कर दे, तो उसे बिना कुछ किए ही करीब 2,000 करोड़ रुपये मिल जाएंगे, वो भी कैश. इससे उसे दो फायदे होंगे, पहला तो उसे कुछ पैसे मिल जाएंगे और दूसरा दुनिया में उसकी छवि भी सुधरेगी. हो सकता है कि तब भारत भी उसकी कुछ मदद कर दे क्योंकि पाकिस्तान की जनता को भी अब सिर्फ भारत से ही उम्मीदें हैं और वहां के लोग अफसोस कर रहे हैं कि काश विभाजन में उनके पुरखे भारत से पाकिस्तान न आए होते तो शायद नरेंद्र मोदी उनके भी प्रधानमंत्री होते.

कंगाल पाकिस्तान की कॉस्ट कटिंग

गौरतलब है कि जब भी बाजार नीचे गिरता है या कंपनियों की माली हालत गड़बड़ाती है तो वो खर्च बचाने के लिए कॉस्ट कटिंग शुरू कर देती हैं, लेकिन आज हम आपको कास्ट कटिंग की जो स्टोरी बताने जा रहे हैं वो क्लासिक है क्योंकि इस बार कास्ट कटिंग किसी कंपनी ने नहीं पाकिस्तान की कंगाल सरकार ने की है. वो भी इसलिए ताकि देश में कम अस कम इतना आटा तो बचा रहे, जिसे कंगाली में ही सही, गीला तो किया जा सके. और इसीलिए आज हम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का मजाक नहीं उड़ाएंगे, न ही हम उसके तेजी से गायब होते विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में कुछ कहेंगे और न ही हम IMF से मिलने वाले उस कर्ज की बात करेंगे, जो शहबाज शरीफ के गिड़गिड़ाने के बावजूद नहीं मिला.

आज हम आपको पाकिस्तान की उन तरकीबों के बारे में बताएंगे जिसे अपना कर पाकिस्तान खुद को बचाने की कोशिशों में जुटा है. जनता की जेब पर कैंची चलाने के बाद अब शहबाज शरीफ एक कदम और आगे बढ़ गए हैं. और अब उन्होंने ऐलान किया है कि देश की माली हालत सुधारने के लिए वो, उनके कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री अब से कोई सैलरी नहीं लेंगे. यही नहीं पीएम, मंत्रियों के सलाहकार और उनके स्पेशल असिस्टेंट भी कोई तनख्वाह नहीं लेंगे. इतना ही नहीं, ये सभी VIP अपनी बिजली, अपने टेलीफोन, पानी और गैस के बिल भी खुद अपनी जेब से भरेंगे यानी इन्हे कोई भत्ता नहीं मिलेगा.

खैर ये तो कास्ट कटिंग की पहली किस्त है क्योंकि शहबाज शरीफ यहीं नहीं रुके. उन्होने कहा कि मंत्रियों और अधिकारियों के पास मौजूद सरकारी लक्जरी गाड़ियां वापस ली जाएंगी और उन्हें नीलाम किया जाएगा, ताकि कुछ पैसे जुटाए जा सकें. यही नहीं उनकी सुरक्षा में लगी गाड़ियां और सुरक्षाकर्मी भी वापस ले लिए जाएंगे. इसके अलावा मंत्रियों और अधिकारियों को हवाई यात्रा न करने के लिए कहा गया है. और निर्देश दिए गए हैं कि अगर हवाईयात्रा बेहद जरूरी हो तो मंत्री और अधिकारी सिर्फ इकॉनमी क्लास में सफर करेंगे. ये भी कहा गया है कि सरकार में शामिल लोग मीटिंग के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, ताकि बेवजह की यात्रा में होने वाला खर्च बचाया जा सके.

ये तो हुई देश में अंदर यात्रा की बात, लेकिन अगर कोई मंत्री या अधिकारी विदेश दौरे पर जाता है, तो उसे भी इकॉनमी क्लास में ही सफर करना होगा. साथ ही अब पाकिस्तान के मंत्रियों और अधिकारियों को विदेशों में फाइव स्टार होटलों में नहीं ठहराया जाएगा. ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ सरकारी भत्तों और सरकारी गाड़ियों और शानोशौकत पर ही कैंची चलाई गई हो. अब सरकारी खर्च पर जमकर दावतें करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. क्योंकि कास्ट कटिंग की इस स्कीम के अनुसार, अब पाकिस्तान में जितनी भी सरकारी मीटिंग्स होंगी उनमें खाने के नाम पर सिर्फ एक डिश ही सर्व की जाएगी. और इसके अलावा चाहे कितना भी बड़ा मेहमान क्यों न आए, मेहमान नवाजी में चाय-बिस्किट से ज्यादा और कुछ नहीं मिलेगा.

वर्षों से सरकारी खर्च पर मौज उड़ाने वाले अधिकारियों और मंत्रियों को बुरा न लगे इसलिए शहबाज शरीफ ने ये भी साफ कर दिया कि अगर नाश्ते में सिर्फ चाय बिस्किट मिलेगा तो कोई दुबला नहीं हो जाएगा. अब आप खुद समझ सकते हैं कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने डूबते देश को बचाने के लिए कितना बड़ा त्याग कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने आगे जो ऐलान किए हैं, उसके सामने तो ये त्याग कुछ भी नहीं है. क्योंकि पाकिस्तान में सिर्फ आटे-दाल का ही टोटा नहीं है, बिजली और गैस की भी भयंकर किल्लत है और इसके लिए पीएम शहबाज शरीफ ने जबरदस्त क्रिएटिव ऐलान किया है.

उन्होंने कहा है कि अब सभी दफ्तर, स्कूल और कॉलेज सुबह 7.30 बजे ही खुल जाया करेंगे. और सारा काम दिन की रोशनी में ही निपटाया जाएगा, ताकि बिजली की जरूरत ही न पड़े. यही नहीं पाकिस्तान के सभी मॉल और बाजार हर कीमत में रात 8.30 तक बंद करने पड़ेंगे ताकि बिजली बचाई जा सके. और अगर वो ऐसा नहीं करते तो उनकी बिजली काट दी जाएगी. शहबाज शरीफ का ये ऐलान को आप हंसी में उड़ाने की गलती बिल्कुल न करें, क्योंकि उन्होने अपनी इस बेहद क्रिएटिव स्कीम से एक साथ दो निशाने साधे हैं. पहला तो ये कि, इससे पाकिस्तान की बहुमूल्य बिजली की बचत होगी और दूसरा ये कि जब बिजली ही नहीं होगी तो जाहिर है जनता को बिजली के भारी भरकम बिल से भी निजात मिल जाएगी यानी बचत ही बचत और शायद विज्ञापनों की दुनिया में इसे ही डबल धमाका ऑफर कहते हैं.

यही नहीं शहबाज शरीफ ने सरकारी मंत्रियों और अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है, उन्हें पद पर रहते हुए जो भी महंगे गिफ्ट मिलेंगे, उनकी जानकारी तो देनी ही होगी, जरूरत पड़ने पर जमा भी कराना होगा, ताकि मौका पड़ने पर उन्हें नीलाम किया जा सके. इसके अलावा जिस अफसर के पास एक से ज्यादा बंगला, या प्लॉट मिलेगा उसे जब्त कर लिया जाएगा और उसकी भी नीलामी की जाएगी.

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