Russia-Ukraine War: रूस (Russia) को पाकिस्तान (Pakistan) धोखा देने जा रहा है. रोटी को मोहताज पाकिस्तान की रूस ने मदद की लेकिन पाकिस्तान उसके खिलाफ यूक्रेन की हथियारों से मदद कर रहा है.
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Pakistan Food Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) आज की तारीख में हर तरह से और हर तरफ से फंसा हुआ मुल्क है. कर्ज, कंगाली और भुखमरी के दलदल में धंसे होने के बाद भी पाकिस्तान अपने धूर्त चरित्र से बाहर नहीं निकल पा रहा है. धूर्त चरित्र का जिक्र हमने यहां इसलिए किया क्योंकि पाकिस्तान अपने आटा संकट (Atta Crisis) को दूर करने के लिए एक तरफ रूस (Russia) से गेहूं की भीख मांग रहा है और दूसरी ओर पुतिन की पीठ पर वार कर रहा है.
पाकिस्तान ने रूस को दिया धोखा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ रूस और यूक्रेन वॉर के बीच एक तरफ रूस से गेहूं मांग रहे हैं और दूसरी ओर पुतिन की पीठ पर खंजर घोंप रहे हैं. रोटी को तरस रहे पाकिस्तान की हालत इस समय क्या है, ये पूरी दुनिया जानती है. आटे के बिना मरते और आटे के लिए लड़ते पाकिस्तान ने गेहूं के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के आगे हाथ फैलाया.
पाकिस्तान में आटे के लिए जंग
पुतिन ने पाकिस्तान पर तरस खाकर उसे 75 लाख टन गेहूं देने का फैसला किया. तीन दिन पहले ही पाकिस्तान को रूस से 35 हजार टन गेहूं की बड़ी खेप मिल गई और जल्द ही साढ़े 4 लाख टन गेहूं इस्लामाबाद को मिलने वाला है. इससे हो सकता है पाकिस्तान में आने वाले दिनों में कम से कम आटे के लिए हो रही जंग रुक जाए. लेकिन उस जंग के बारे में सोचिए जो इस समय यूक्रेन की धरती पर हो रहा है और उस जंग में पाकिस्तान यूक्रेन को हथियार भेज रहा है.
यूक्रेन को गोला-बारूद भेजेगा पाकिस्तान
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी के आखिरी सप्ताह में पाकिस्तान यूक्रेन के लिए कराची बंदरगाह से पोलैंड के बंदरगाह तक गोला-बारूद के 159 कंटेनर भेजने वाला है. यानी पाकिस्तान रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन की मदद के लिए गोला-बारूद भी भेज रहा है और भूखमरी मिटाने के लिए रूस का आटा भी खा रहा है. बड़ा सवाल ये है कि कहीं रूस का आटा पाकिस्तान को भारी तो नहीं पड़ेगा?
ये सवाल इसलिए क्योंकि 23 फरवरी 2022 को पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान पुतिन से मिलने रूस की राजधानी मॉस्को गए थे और उस दौरे के करीब डेढ़ महीने बाद ही उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. इमरान का दावा था कि अमेरिका की वजह से ही उन्हें प्रधानमंत्री का पद गंवाना पड़ा. अगर इस दावे में जरा सी भी सच्चाई है तो फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी सावधान रहने की जरूरत है. कहीं रूस का आटा, शरीफ सरकार से इस्लामाबाद की सत्ता छिनने की वजह ना बन जाए.
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