China Taiwan Tension: रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को ताइवान के कई सरकारी वेबसाइट पर साइबर अटैक हुआ. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि साइबर हमलों की वजह से कई सरकारी वेबसाइट कुछ देर के लिए ठप हो गईं. इन हमलों के पीछे ताइवान ने चीन और रूस का हाथ बताया है.
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China Taiwan Conflict: अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइनवान यात्रा के बाद चीन और ताइवान के बीच युद्ध के हालात बन गए हैं. चीन ने ताइवान बॉर्डर पर सेना की तैनाती बढ़ा दी है साथ ही युद्ध अभ्यास भी जोरों पर है. कभी भी चीनी हमले का खतरा बना हुआ है. इन खतरों के बीच एक बड़ी खबर आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने से पहले ही ताइवान पर एक बड़ा साइबर अटैक हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को ताइवान के कई सरकारी वेबसाइट पर साइबर अटैक किया गया. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि साइबर हमलों की वजह से कई सरकारी विभाग की वेबसाइट कुछ देर के लिए ठप हो गईं. साइबर क्रिमिनल्स ने राष्ट्रपति कार्य़ालय तक की वेबसाइट को अपना निशाना बनाया.
रूस और चीन पर जताया शक
ताइवान के अधिकारियों के मुताबिक, इन हमलों के पीछे रूस और चीन का हाथ हो सकता है. यह हमला चीन से तनाव के बाद ही हुआ है. उन्होंने बताया कि हमें ऐसा होने की आशंका थी और तनाव बढ़ने पर हम साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई एजेंसियों के साथ मिलकर इस पर काम कर रहे थे, लेकिन अचानक यह अटैक हुआ.
नैंसी पेलोसी के आने से ठीक पहले हुआ हमला
ताइवानी राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान के अनुसार, नैंसी पेलोसी के आने से कई घंटे पहले राष्ट्रपति कार्यालय की आधिकारिक वेबसाइट को शाम 5 बजे के आसपास निशाना बनाया गया था. 20 मिनट तक हम इस पर कुछ भी अपडेट कर पाने में असमर्थ थे और वेबसाइट को ब्लैंक कर दिया गया था. करीब आधे घंटे बाद स्थिति सामान्य हुई. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह अटैक नैंसी पेलोसी की यात्रा को बाधित करने के लिए किया गया था या उससे अलग था. एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन की तरफ से आगे भी ताइवान पर इस तरह के साइबर अटैक हो सकते हैं.
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