Xi Jinping Saudi Arabia Visit: अमेरिका को घेरने के लिए ड्रैगन की नई 'चाल', इस खास मकसद से सऊदी अरब का दौरा करेंगे जिनपिंग
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Xi Jinping Saudi Arabia Visit: अमेरिका को घेरने के लिए ड्रैगन की नई 'चाल', इस खास मकसद से सऊदी अरब का दौरा करेंगे जिनपिंग

Xi Jinping in Saudi Arabia: सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान चीनी राष्‍ट्रपति की यात्रा का इंतजार कर रहे हैं. इसके पीछे उनकी अपनी महत्वाकांक्षा है. दरअसल, वह खाड़ी देशों में अपना दबदबा कायम करना चाहते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि उनकी मंशा खुद को खाड़ी देशों का खलीफा बनाने की है.

मोहम्मद बिन सलमान और शी जिनपिंग

China and Saudi Arabia Relation: दुनिया में सबसे ताकतवर बनने के लिए चीन और अमेरिका के बीच लंबे समय से होड़ मची हुई है. इसी वजह से दोनों देशों के बीच अक्सर तनाव का माहौल बना रहता है. बात चाहे ताइवान की हो या किसी अन्य मामले में, दोनों देशों के बीच कई बार युद्ध जैसे हालात बन चुके हैं. इन सबके बीच दोनों देश एक-दूसरे को घेरने के लिए भी लगातार कोशिश करते रहते हैं. अमेरिका ने पिछले दिनों जहां ताइवान के जरिये चीन को घेरने की कोशिश की तो अब चीन उसका बदला लेता दिख रहा है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंगलवार को अमेरिका के साथ तनाव के बीच सऊदी अरब की यात्रा पर पहुंचेंगे. माना जा रहा है कि यह दौरा खाड़ी देश को लेकर नए समीकरण बनाएगा.

खाड़ी देशों में दबदबा बनाना चाहता है सऊदी अरब

वहीं सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान को भी चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की यात्रा का इंतजार हैं. इसके पीछे उनकी अपनी महत्वाकांक्षा है. दरअसल, मोहम्मद बिन सलमान खाड़ी देशों में अपना दबदबा कायम करना चाहते हैं. कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि उनकी मंशा खुद को खाड़ी देशों का खलीफा बनाने की है. इस काम में उन्‍हें चीन से मदद की उम्‍मीद है. वहीं, दूसरी तरफ चीन के भी अपने हित हैं. वह सऊदी अरब जैसे रणनीतिक रूप से अहम देश को शंघाई सहयोग संगठन का सदस्‍य बनाना चाहता है. जिनपिंग इस संगठन को नाटो की टक्‍कर के लिए आगे बढ़ा रहे हैं. चीन बड़े पैमाने पर सऊदी अरब के ऊर्जा बाजार में निवेश कर रहा है. सऊदी अरब ने भी इच्‍छा जताई है कि वह एससीओ का पर्यवेक्षक सदस्‍य बनना चाहता है. वहीं सऊदी अरब का धुर विरोधी ईरान एससीओ का पूर्ण सदस्‍य बनने की ओर है.

पिछले कुछ महीनों में अमेरिका से बिगड़े संबंध

बेशक आज अमेरिका और सऊदी अरब के बीच तनाव हो, लेकिन कुछ समय पहले तक इनके बीच काफी अच्छे रिश्ते थे. सऊदी अरब खाड़ी देशों में अमेरिका का सबसे करीबी सहयोगी रहा है लेकिन पिछले दिनों तेल को लेकर प्रिंस सलमान और बाइडन प्रशासन के बीच तनाव काफी बढ़ गया. दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब होने की वजह पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या भी है. इस हत्या के बाद सऊदी अरब के प्रधानमंत्री बन चुके प्रिंस ने बाइडन की धमकी के बाद भी तेल के उत्‍पादन को घटा दिया, वहीं वह रूस को अलग थलग करने के अमेरिका दबाव के आगे भी वह नहीं झुका.

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