Delhi Double Decker Bus: दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती थीं डबल डेकर बसें, बस इतने पैसे का होता था किराया
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Delhi Double Decker Bus: दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती थीं डबल डेकर बसें, बस इतने पैसे का होता था किराया

DTC Double Decker Bus Fare: दिल्ली की बसें भी बहुत एडवांस हो गई हैं. सड़कों पर इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें फर्राटा भरते देखी जा सकती हैं. लेकिन हम आपको इतिहास में जरा पीछे लेकर चलेंगे और उन दिनों के बारे में बताएंगे, जब देश के दिल में डबल डेकर बसें चला करती थीं.

Delhi Double Decker Bus: दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती थीं डबल डेकर बसें, बस इतने पैसे का होता था किराया

Delhi History: दिल्ली का इतिहास सदियों पुराना है. ये शहर न जाने कितनी बार बसा, कितनी बार उजड़ा. वक्त के साथ दिल्ली बदलती गई. आज बड़ी-बड़ी इमारतें और महंगी गाड़ियां सड़कों पर दौड़ते हुए मिल जाएंगी. यातायात भी हाईटेक हुआ है. मेट्रो शहर के कोने-कोने तक पहुंची है या पहुंचने वाली है. दिल्ली की बसें भी बहुत एडवांस हो गई हैं. सड़कों पर इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें फर्राटा भरते देखी जा सकती हैं. लेकिन हम आपको इतिहास में जरा पीछे लेकर चलेंगे और उन दिनों के बारे में बताएंगे, जब देश के दिल में डबल डेकर बसें चला करती थीं.

एक फेसबुक यूजर रघुवीर बोरा ने पुरानी डीटीसी बस की फोटो शेयर की है. इस तस्वीर के कैप्शन में उन्होंने लिखा है, '1970 में दिल्ली के सरोजिनी नगर से देवनगर तक चलने वाली डीटीसी की डबल डेकर बस.' दिल्ली की सड़कों पर इसके बाद भी 90 के दौर तक ऐसी बसें दौड़ती थीं लेकिन उनके मॉडल अलग थे. 

एक यूजर सुमंत चड्ढा ने इस पर लिखा कि सबसे पहले 60 के दशक में डीटीसी ने डबल डेकर बस चलाई थी. तब वह छात्र थे और रोज इस बस में आना-जाना होता था. वह ईस्ट पटेल नगर स्थित दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी तक शादीपुर डिपो से जाया करते थे. तब किराया महज 5 पैसे हुआ करता था. उन्होंने लिखा है, 'तब बस में किराया 5 पैसे हुआ करता था. अब डीटीसी में न्यूनतम किराया ही 5 रुपये है.'

एक अन्य शख्स ने कहा, तब यह बस रूट नंबर 50 यानी सरोजिनी नगर डिपो से लेकर रीगल तक जाती थी. और भी कई रूट पर यह बस चलती थी. जब मेरा स्कूल सरोजिनी नगर में था, तब मैंने इसमें काफी सवारी की है. इतना ही नहीं डबल डेकर बस का एक और मॉडल था. इसमें ड्राइवर का अलग केबिन था. एक यूजर ने कमेंट में कहा, 'तब डीटीसी की डबल डेकर बस का स्टूडेंट पास 12.50 रुपये का होता था. जब लोगों को यह बस मिलती थी, तो उनको अलग खुशी होती थी.'

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