FPI ने मार्च में अबतक 13,500 करोड़ का किया निवेश, जानें कैसी रहेगी स्टॉक मार्केट की चाल?
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FPI ने मार्च में अबतक 13,500 करोड़ का किया निवेश, जानें कैसी रहेगी स्टॉक मार्केट की चाल?

विदेशी निवेशकों (Foreign Portfolio Investment) ने इस महीने अब तक भारतीय शेयर बाजार में 13,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. इसमें बड़ी हिस्सेदारी अमेरिका की कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स की है जिसने अडाणी समूह की कंपनियों में भारी निवेश किया है.

FPI ने मार्च में अबतक 13,500 करोड़ का किया निवेश, जानें कैसी रहेगी स्टॉक मार्केट की चाल?

FPI News: विदेशी निवेशकों (Foreign Portfolio Investment) ने इस महीने अब तक भारतीय शेयर बाजार में 13,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. इसमें बड़ी हिस्सेदारी अमेरिका की कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स की है जिसने अडाणी समूह की कंपनियों में भारी निवेश किया है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. इससे पहले तक विदेशी पार्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय शेयर बाजारों से निकासी कर रहे थे. 

जनवरी-फरवरी में भी की थी निकासी

फरवरी में उन्होंने 5,294 करोड़ रुपये की और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी. इससे पहले, दिसंबर में एफपीआई ने शेयरों में 11,119 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था.

10 मार्च तक किया 13,536 करोड़ का निवेश
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने का असर बाजार में धारणााओं पर पड़ा है, ऐसे में आगे जाकर एफपीआई सतर्क रुख अपना सकते हैं. आंकड़ों के मुताबिक दस मार्च तक एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 13,536 करोड़ रुपये का निवेश किया है. 

अडानी समूह की कंपनियों में किया गया 15,446 करोड़ का निवेश
विजयकुमार ने कहा है कि इस निवेश में जीक्यूजी द्वारा अडानी समूह की कंपनियों में किया गया 15,446 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश शामिल है. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इस निवेश की वजह दीर्घकालिक समय में भारतीय शेयर बाजारों की बेहतर संभावनाएं हैं. कैलेंडर वर्ष 2023 में एफपीआई ने 20,606 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. वहीं दूसरी ओर, समीक्षाधीन अवधि में ऋण बाजार से 2,987 करोड़ रुपये निकाले हैं.

15 दिनों से हो रही निकासी
विजयकुमार ने कहा कि क्षेत्रों में निवेश के लिहाज से भी एफपीआई की गतिविधियों में एकरूपता नहीं है. फरवरी के पहले 15 दिन उन्होंने वित्तीय सेवा कंपनियों के शेयरों में निवेश किया वहीं बाद के दो हफ्तों में वे बिकवाल रहे. इसी तरह पहले पखवाड़े उन्होंने आईटी शेयरों की खरीद की लेकिन बाद के 15 दिनों में उन्होंने इनसे निकासी की. 

एजेंसी - भाषा

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