Health Insurance Plans: ऐसे में कई लोग हेल्थ इंश्योरेंस न लेकर काफी बड़ी गलती करते हैं क्योंकि कोई नहीं जानता की कब कोई दुर्घटना का शिकार हो जाए या फिर कब कौनसी बीमारी लग जाए. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस के फायदों से अनजान रहकर अगर हेल्थ इंश्योरेंस न करवाई जाए तो जेब खाली करनी पड़ सकती है.
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Health Insurance: अगर लोगों की सेहत अच्छी है तो लोगों के कई काम आसान हो जाते हैं लेकिन अगर सेहत ही खराब है तो लोगों को जीवन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार ऐसी स्थिति भी बनती है जब लोग किसी बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं और इस बीमारी के कारण लोगों को काफी आर्थिक नुकसान भी उठाने पड़ते हैं. इसके अलावा कई बार लोग किसी दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं. इस दुर्घटना से भी लोगों की जेब पर काफी असर पड़ता है. ऐसे में हेल्थ से जुड़ी किसी भी अनहोनी के बाद आर्थिक रूप से नुकसान न उठाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) करवाई जाती है. हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए मेडिकल बिल (Medical Bill) आदि में छूट हासिल की जा सकती है.
हेल्थ इंश्योरेंस
ऐसे में कई लोग हेल्थ इंश्योरेंस न लेकर काफी बड़ी गलती करते हैं क्योंकि कोई नहीं जानता की कब कोई दुर्घटना का शिकार हो जाए या फिर कब कौनसी बीमारी लग जाए. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस के फायदों से अनजान रहकर अगर हेल्थ इंश्योरेंस न करवाई जाए तो जेब खाली करनी पड़ सकती है. ऐसे में आज हम यहां आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेने के फायदों के बारे में बताने वाले हैं.
Benefits of Health Insurance
मेडिकल बिल (Medical Bills):
अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद में होने वाले मेडिकल खर्चों के लिए कवरेज हेल्थ इंश्योरेंस से मिलती है.
पहले से मौजूद बीमारियां (Pre-existing Diseases):
अगर आप किसी भी पहले से मौजूद बीमारी के लिए कवरेज चाहते हैं तो हेल्थ इंश्योरेंस लेने के कुछ वक्त बाद आपको इन बीमारियों के लिए भी कवरेज मिलता है.
दावा प्रतिपूर्ति (Claim Reimbursement):
अस्पताल में भर्ती होने पर किए गए खर्चों का बाद में क्लेम भी किया जा सकता है और कवरेज हासिल की जा सकती है.
कर छूट (Tax Rebate):
स्वास्थ्य कवरेज के लिए भुगतान किए गए वार्षिक प्रीमियम पर टैक्स छूट भी हासिल की जा सकती है. हालांकि अगर कानून में किसी प्रकार का कोई बदलाव होता है तो इसमें भी बदलाव देखने को मिल सकता है.
अन्य लाभ:
इनके अलावा कुछ हेल्थ इंश्योरेंस में ओपीडी खर्च भी कवर किए जाते हैं और क्लेम करने के लिए न्यूनतम 24 घंटों के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता भी नहीं होती है. स्टैंडअलोन ओपीडी प्लान भी बाजार में उपलब्ध हैं.
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