दिल्‍ली गैंगरेप के दरिंदों की हाईकोर्ट में पेशी आज, फांसी की सजा पर होगी पुष्टि
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दिल्‍ली गैंगरेप के दरिंदों की हाईकोर्ट में पेशी आज, फांसी की सजा पर होगी पुष्टि

राष्‍ट्रीय राजधानी में पिछले साल 16 दिसंबर की रात सामूहिक दुष्कर्म मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को मंगलवार को हाईकोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। इस बात की पूरी संभावना है कि कोर्ट चारों दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रख उस पर मुहर लगाएगी।

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
नई दिल्ली : राष्‍ट्रीय राजधानी में पिछले साल 16 दिसंबर की रात सामूहिक दुष्कर्म मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को मंगलवार को हाईकोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। इस बात की पूरी संभावना है कि कोर्ट चारों दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रख उस पर मुहर लगाएगी।
जिक्र योग्‍य है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया था कि सामूहिक दुष्कर्म मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को मंगलवार को उसके सामने पेश किया जाए। इसके लिए हाईकोर्ट ने सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना के मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को पेशी वारंट जारी किया।
न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों से निचली अदालत से मौत की सजा प्राप्त चारों दोषियों को न्यायालय में पेश करने को कहा।
इससे पहले, एक स्थानीय अदालत ने 13 सितंबर को मुकेश (26), अक्षय ठाकुर (28), पवन गुप्ता (19) और विनय शर्मा (20) को मौत की सजा देने के साथ ही उनकी सजा की पुष्टि करने के लिए मामले को उच्च न्यायालय में भेज दिया। निचली अदालत हर मौत की सजा की पुष्टि के लिए उसे उच्च न्यायालय भेजती है। दिल्ली में पिछले साल 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की घिनौनी वारदात के मामले में चार दोषियों की मौत की सजा सुनाने वाली त्वरित अदालत ने सजा की पुष्टि के लिए फाइल दिल्ली उच्च न्यायालय भेजी थी।
अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश को दोषी करार दिए जाने तथा मौत की सजा सुनाए जाने के रिकॉर्ड उच्च न्यायालय को भेजे गए। सजा सुनाए जाने के बाद 30 दिनों के भीतर मौत की सजा के मामले को निचली अदालत द्वारा उच्च न्यायालय के सुपुर्द करना अनिवार्य होता है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने चारों को हत्या एवं सामूहिक बलात्कार सहित 13 मामलों में दोषी ठहराया था।
पिछले साल 16 दिसंबर को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में 23 साल की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और हैवानियत का व्यवहार किया गया था। करीब एक पखवाड़े तक जिंदगी की लड़ाई लड़ने के बाद इस लड़की ने 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। मामले में एक नाबालिग सहित कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मुख्य अभियुक्त राम सिंह (34) ने तिहाड़ जेल में मृत पाया गया था। नाबालिग दोषी को किशोर न्याय बोर्ड ने सजा सुनाई थी।

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