ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: रिपोर्ट के मुताबिक अब सुरक्षा एजेंसियां आपके फोन कॉल्स के साथ ई-मेल पर भी नजर रखेंगी। भारत ने व्यापक स्तर पर निगरानी कार्यक्रम लॉन्च किया है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके तहत सुरक्षा एजेंसियां और यहां तक कि आयकर विभाग भी बिना किसी कोर्ट के आदेश के आपके ईमेल व फोन कॉल्स टैप कर सकेंगे।
इस नए सिस्टम के तहत सरकार फोन पर बातचीत सुन सकेगी। ई मेल व मैसेजिस पढ़ सकेगी। साथ ही फेसबुक-टिवटर या अन्य सोशल साइट्स पर किए गए पोस्ट की निगरानी रख सकेगी। साथ ही आपने गूगल पर क्या और किस बारे में सर्च किया इसपर भी निगरानी रहेगी।
सरकार का इस मसले पर तर्क है कि इस निगरानी तंत्र से राष्ट्रीय सुरक्षा को पहले के मुकाबले ज्यादा मजबूती मिलेगी। वहीं निजता की वकालत करने वाले इसके खिलाफ हैं। सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि जानकारों के बीच यह भी सवाल उठ रहे है कि अगर भारत अधिकारवादी देश के तौर पर नजर नहीं आना चाहता तो उसे यह पारदर्शिता बरतनी चाहिए कि कौन सा डेटा लेने के लिए कौन अधिकृत होगा, क्या डेटा लिया जाएगा,उसका कैसे इस्तेमाल होगा और निजता की रक्षा कैसे होगी।
केंद्रीय निगरानी प्रणाली (सीएमएस) की घोषणा 2011 में हुई थी। इस प्रणाली के तहत इसमें देश के 90 करोड़ लैंडलाइन व मोबाइल फोन यूजर्स व एक करोड़ 20 लाख इंटरनेट यूजर्स में से किसी को भी टारगेट किया जा सकेगा। जबकि इस मामले में सरकार कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।