गाजा में इस्राइल ने शुरू किया जमीनी अभियान, मृतकों की संख्या पहुंची 265
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गाजा में इस्राइल ने शुरू किया जमीनी अभियान, मृतकों की संख्या पहुंची 265

इस्राइल ने 10 दिनों से चल रहे संघर्ष को तेज करते हुए पिछले पांच साल में पहली बार आज हमास शासित गाजा पट्टी में तोपों और टैंकों के साथ जमीनी अभियान शुरू किया। वहीं, हवाई हमले में अभी तक 265 फिलस्तीनियों के मारे जाने के बावजूद यहूदी राष्ट्र पर चरमपंथियों के रॉकेट हमले नहीं रूके हैं।

गाजा में इस्राइल ने शुरू किया जमीनी अभियान, मृतकों की संख्या पहुंची 265

गाजा (यरुशलम) : इस्राइल ने 10 दिनों से चल रहे संघर्ष को तेज करते हुए पिछले पांच साल में पहली बार आज हमास शासित गाजा पट्टी में तोपों और टैंकों के साथ जमीनी अभियान शुरू किया। वहीं, हवाई हमले में अभी तक 265 फिलस्तीनियों के मारे जाने के बावजूद यहूदी राष्ट्र पर चरमपंथियों के रॉकेट हमले नहीं रूके हैं।

इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि सेना हमास के सुरंग नेटवर्क को निशाना बना रही है, जिसे वह सिर्फ हवाई हमले से नहीं कर सकती। टैंकों और तोपों की गोलाबारी के सहारे हजारों की संख्या में सैनिक बीती रात गाजा में घुस गए। हमास ने चेतावनी दी है कि इस्राइल को जमीनी घुसपैठ की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। गाजा पर हमास का जून, 2007 से शासन है।

इस्राइली सेना ने एक बयान में कहा, ‘10 दिनों के हमास के हमले तथा तनाव को कम करने के प्रस्तावों को बार-बार ठुकराए जाने के बाद आईडीएफ ने गाजा पट्टी में जमीनी अभियान शुरू किया है।’ इस्राइली रक्षा बल (आईडीएफ) ने कहा कि उसका मकसद ‘ऐसी स्थिति बनाना है जिसमें इस्राइल के निवासी बिना आतंक के और सुरक्षा के साथ रह सकें।’ इस्राइली सेना के प्रवक्ता जनरल मोती आलमोज ने गाजा के निवासियों से अपील की है कि जिन इलाकों में सेना अपना अभियान चला रही है वहां से वे चले जाएं। उन्होंने कहा कि जब तक जरूरत होगी तब तक यह अभियान चलेगा।

गाजा में बीती रात से हुई गोलाबारी में 24 फिलस्तीनी मारे गए हैं जिनमें तीन किशोर और पांच महीने की एक बच्ची शामिल है जिससे 8 जुलाई को इस्राइल द्वारा शुरू किए गए हमलों में मारे गए गाजा के लोगों की संख्या बढ़कर 265 हो गई है। एक इस्राइली सैनिक गाजा पट्टी में मारा गया। दोनों पक्षों के बीच गुरुवार को मानवीय जरूरतों के लिए पांच घंटे का संघर्ष विराम हुआ था, लेकिन पांच घंटे खत्म होते ही दोनों तरफ से हमले शुरू हो गए। इस्राइल सितम्बर, 2005 में गाजा से अपने सैनिक हटाए थे और आखिरी बार उसने 2009 में वहां बड़ा जमीनी अभियान चलाया था।

दोनों के बीच स्थायी संघर्ष विराम पर समझौता कराने में नाकाम रहने के बाद मिस्र ने हमास की आलोचना करते हुए कहा है कि अगर उसने काहिरा की मध्यस्थता वाले प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया होता तो बहुत सारे लोगों की जान बच जाती। हमास ने मंगलवार को शुरू होने वाले संघर्ष विराम को खारिज कर दिया था और इस्राइली शहरों पर रॉकेट दागना जारी रखा था। मिस्र के विदेश मंत्री सामेह शौकरी ने कहा, ‘यदि हमास ने मिस्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया होता तो इससे कम से कम 40 फिलस्तीनियों की जान बच जाती।’

गाजा में संघर्ष विराम के लिए दबाव बनाने के लिए फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास आज तुर्की रवाना होंगे। इस संघर्ष को समाप्त करने को लेकर वार्ता के लिए मिस्र मुख्य स्थल रहा है। इस्राइल ने गुरुवार शाम 18,000 सैनिकों को तैनात किया। बीते आठ जुलाई के बाद से वह गाजा के मोर्चे पर 65,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात कर चुका है।

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