नेत्रहीन क्रिकेट से बहुत कुछ सीखा: सचिन तेंदुलकर
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नेत्रहीन क्रिकेट से बहुत कुछ सीखा: सचिन तेंदुलकर

महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने आज यहां कहा कि नेत्रहीनों की क्रिकेट वे काफी प्रभावित रहे हैं और इससे उन्हे काफी कुछ सीखने को मिला। तेंदुलकर ने कहा,‘‘मैने करीब 14 या 15 साल पहले मुंबई में एक नेत्रहीन क्रिकेट टूर्नामेंट का उदघाटन किया था और ये लोग (नेत्रहीन) जिस तरह से क्रिकेट खेलते हैं मैं उससे काफी मंत्रमुग्ध हुआ था क्योंकि जब आप देख नहीं सकते तो आपको अवाज सुन कर प्रतिक्रिया करनी होती है।

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मंदनगढ (रत्नागिरी) : महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने आज यहां कहा कि नेत्रहीनों की क्रिकेट वे काफी प्रभावित रहे हैं और इससे उन्हे काफी कुछ सीखने को मिला। तेंदुलकर ने कहा,‘‘मैने करीब 14 या 15 साल पहले मुंबई में एक नेत्रहीन क्रिकेट टूर्नामेंट का उदघाटन किया था और ये लोग (नेत्रहीन) जिस तरह से क्रिकेट खेलते हैं मैं उससे काफी मंत्रमुग्ध हुआ था क्योंकि जब आप देख नहीं सकते तो आपको अवाज सुन कर प्रतिक्रिया करनी होती है। आप ऐसे ही विकेट भी लेते हो और रन भी बनाते हो । यह बहुत अविश्वसनीय लगता है और यह देख कर मैं बहुत ही अभिभूत हुआ था।’’
महान क्रिकेटर ने कहा,‘‘यह मेरे लिये एकदम नया अनुभव था लेकिन मैने बहुत कुछ सीखा। मै वहां जाकर बहुत खुश था।’’ दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिये युनीसेफ के राजदूत तेंदुलकर ने यहां महाराष्ट्र के इस ग्रामीण इलाके के नेत्रहीन बच्चों के स्कूल स्नेहज्योति निवासी अंध विद्यालय का दौरा किया और बच्चों को हाथ धोने की तकनीक सिखाई। तेंदुलकर की मां की रिश्तेदार इस स्कूल को चलाती हैं।
तेंदुलकर ने बताया,‘‘मेरी मां ने इस स्थान के बारे में बताया था जो मुंबई पास ही है मुझे यहां पर बच्चों से साथ समय बिता कर बहुत अच्छा लगा। बच्चे बहुत ही प्रतिभाशाली हैं।’’ तेंदुलकर ने कहा,‘‘मैंने तीन या चार बच्चो का चयन किया और उनसे आश्वासन लिया कि वे साफ सफाई का मेरा संदेश दूर दूर तक पंहुचायेंगे। बच्चों को हाथ धोने की तकनीक के बारे में बताया। (एजेंसी)

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