हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) मनाया जाता है, एक्सपर्ट्स बताते हैं इस खतरनाक बीमारी से डरने की जरूरत नहीं, बल्कि इससे बचने और इसका सही इलाज का तरीका जानने की जरूरत है.
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नई दिल्ली: इस वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) पर आपको पता होना चाहिए कि ,अब हमें इससे डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आधुनिक विज्ञान और अनुसंधान ने इस दिशा में काफी प्रगति की है और आधुनिक तकनीक के आधार पर इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है और इसका इलाज भी किया जा सकता है.
ग्लोबल होलिस्टिक हेल्थ गुरु और कॉरपोरेट लाइफकोच डॉ. मिकी मेहता (Dr. Mickey Mehta) बताते हैं कि सर्जरी, गैर-आक्रामक परमाणु विकिरण, अधिक परिष्कृत कीमोथेरपी, सब कुछ एक साथ रखकर इसे सुनियोजित तरीके से रोगी का उपचार किया जा सकता है. अब जब पूर्ण स्वास्थ्य की बात आती है, तो निश्चित रूप से हमारे सदियों पुराने वेद, आयुर्वेद, योग, आसन, प्राणायाम इसके रोकथाम के लिए सर्वोत्तम और सरलतम उपाय है.
आमतौर पर सांस लेने की सही विधि मात्र से आपके हार्मोनस नियंत्रित होने शुरू हो जाते है और आपको स्वास्थ्य प्रदान करते है. आपके सांस लेने का सही तरीका, ध्यान आपके हार्मोन को नियमित करने में, आपके पाचन को नियंत्रित करने में, शरीर के विषाक्त पदार्थों को कुशलतापूर्वक समाप्त करने में और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता को और बढ़ाने में बहुत कारगर होते हैं.
सही खाने की बात करें तो हम दो प्रकार का भोजन लेते है एक है प्राकृतिक आहार और दूसरा है ब्रह्मांडीय आहार दोनों ही हमारे स्वास्थ्य पर एक साथ ऐसा संतुलन बनाते है ,जो केंसर जैसे बीमारियों की भी रोकथाम और इसके ठीक होने में सक्षम भूमिका निभाते है.
एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन, प्राकृतिक रंग, बनावट, स्वाद और पूर्ण जीवन शक्ति से भरा प्राकृतिक पोषण जो शरीर के अंदर जाता है अगर वह पूरी तरह से सात्विक आहार है, तो इस बात की बहुत ही संभावना है वह एक शक्तिशाली और स्वास्थ्य से लयबद्ध उपकरण बन सकता है, जो कैंसर से पीड़ित लोगों को फिर से स्वस्थ्य रख सकता है.
अब हम आते हैं योग, आसन, प्राणायाम और पूर्ण स्वस्थ होने के मनुष्य का संकल्प पर, ये वो विधि है जिससे मनुष्य अपने उत्तम स्वास्थ्य की स्थिति को उपलब्ध हो सकता हैं. हमारे जीवन की शैली को उपेक्षा करना/नींद की कमी, बहुत सारा तनाव और बहुत सी चीजें एक साथ करते रहने का प्रयास ही हमे हमारे स्वयं की स्थिति से दूर हटा कर हमे रूगन की स्थिति में ला देता है.
तो अगर हम प्राणायाम और संकल्प के साथ हम ऐसा संकल्प करे की हम स्वस्थ होके रहेंगे तो यह कैंसर की रोकथाम और ठीक होने के लिए एक अति महत्वपूर्ण उपकरण बन सकता है और मनुष्य फिर से स्वयं में पुनः स्थित हो सके और हम सम्पूर्ण स्वास्थ्य को उपलब्ध हो सके.
1. हमारा जीवन और हमारे जीने के लिए सबसे मौलिक आधार है हमारा सांस लेना और अपने श्वास के प्रति सदैव सचेत रहना तभी हमारा श्वास का संबंध सामंजस्य उस परमात्मा के स्वास के साथ लयबद्ध हो पाता है, और हम अपने स्वास्थ्य ही नही महास्वास्थ्य को उपलब्ध हो पाते हैं. कंपित, और अनियमित स्वास ही हमारे मूल बिमारियों की जड़ है बस एक बार जब सांस की लय में लयबद्धता आ जाए, तो हमारी रोग निरोधक क्षमता बढ़ जाती है, इसलिए इसकी रोकथाम या कैंसर से छुटकारा दिलाने में सहयोगी है.
2. हम दिन भर में जो कुछ भी खाते हैं पीते हैं इसलिए की स्वस्थ ऊर्जावान रह सके ,इसलिए स्वच्छ, हरे रंग के भोजन का सेवन वास्तव में आपको खुद को जीवंत बनाने, खुद को नियमित करने और खुद को शुद्ध करने और पूर्ण रूप से स्वस्थ्य करने में मदद करता है.
3. भोजन के द्वारा चिकित्सा मैं केसे सहयोग लें और चिकित्सा से कैसे निपटें, सभी प्रकार के व्यायाम जहां आप खुद को दंडित नहीं कर रहे हैं, जहां आप स्ट्रेचिंग/अनुबंध परिसंचरण करते हैं, तो आपके इम्युनोग्लोबुलिन को जन्म देते हैं जो एक बार फिर से आप खुद को ऊर्जावान और स्फूर्तिवान पाते हैं.
4. फिर हम आराम करने के लिए आते हैं और मालिश/ध्यान/आराम लेने जैसे उपचार-मरम्मत के लिए बहुत अच्छा है और आपके जीवन को अव्यवस्था से क्रम में वापस लाने के लिए, आराम करने के लिए आराम और हमारे जीवन को क्षय से बचाने के लिए. फील गुड फैक्टर्स सबसे महत्वपूर्ण है प्यार और प्यार. प्यार ऑक्सीटोसिन को जन्म देता है और यह प्रकृति में बहुत ही उपचारात्मक है और ध्यान ,प्रार्थना के कारण आप अच्छे स्वास्थ्य को उपलब्ध होते है.