एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि लंबी उम्र के लिए आपके खुश रहने के साथ-साथ आपके जीवनसाथी का खुश रहना भी जरूरी है.
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लंदन: यह तो सभी ने सुना है कि लंबी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य पाने के लिए खुश रहना कितना अहम है, लेकिन एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि लंबी उम्र के लिए आपके खुश रहने के साथ-साथ आपके जीवनसाथी का खुश रहना भी जरूरी है. नीदरलैंड की टिलबुर्ग यूनिवर्सिटी में अनुसंधानकर्ता ओल्गा स्तावरोवा ने कहा, ‘‘यह अध्ययन व्यक्ति के स्वास्थ्य पर उसके आस-पास के सामाजिक माहौल के असर को रेखांकित करता है.’’
साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित हुआ अध्ययन
पत्रिका ‘साइकोलॉजिकल साइंस’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जिन लोगों के जीवनसाथी सक्रिय जीवन जीते हैं, उनकी स्वयं की जीवनशैली भी सक्रिय रहने की संभावना होती है. स्तावरोवा ने कहा कि इसी तरह यदि आपका जीवनसाथी अवसादग्रस्त है और शाम को टीवी के सामने बैठकर चिप्स खाना पसंद करता है तो आपकी शामें भी संभवत: ऐसी ही होंगी.
स्तावरोवा ने अमेरिका के उन करीब 4400 दंपतियों के आंकड़ों का अध्ययन किया जिनकी आयु 50 वर्ष से अधिक थी. आंकड़े एकत्र करने की शुरुआत के आठ साल बाद करीब 16 प्रतिशत प्रतिभागियों का निधन हो गया. जिन लोगों का निधन हुआ, वे जीवित प्रतिभागियों की तुलना में बुजुर्ग, कम शिक्षित, कम अमीर, शारीरिक रूप से कम सक्रिय और खराब स्वास्थ्य वाले थे.
मरने का खतरा अपेक्षाकृत कम
वे जीवित प्रतिभागियों की तुलना में संबंधों और जीवन में भी कम संतुष्ट थे और उनके जीवनसाथी भी जीवन से कम संतुष्ट थे. अध्ययन में पता चला कि जिन लोगों के जीवनसाथी अध्ययन की शुरुआत में जीवन में संतुष्ट थे, उनके मरने का खतरा अपेक्षाकृत कम था.