High Blood Pressure: बल्ड प्रेशर पर नजर रखना आसान काम नहीं है, इसके लिए आपको डिजिटल बीपी मशीन कैरी करना पड़ता है, लेकिन वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक ईजाद कर ली है जिसके जरिए एक टैटू चिपकाकर रिडिंग की जा सकती है.
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Cuffless Blood Pressure Technology: भारत ही नहीं दुनियाभर में काफी तादाद में लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हो रहे हैं, इसके पीछे अजीबोगरीब लाइफस्टाइल और गड़बड़ फूड हैबिट्स काफी हद तक जिम्मेदार है. जो लोग हाई बीपी के शिकार होते हैं उन्हें अक्सर अपनी बीपी की रेगुलर जांच करने पड़ी है. इसके लिए वो अपने घर में ही डिजिटल मशीन रखते हैं और ट्रैवलिंग के दौरान बैग में इसे कैरी भी करते हैं, जो कई बार परेशानियों को सबब बन जाता है, हालांकि अब घबराने की जरूरत नहीं. वैज्ञानिकों ने इसके लिए नए तरीके का जुगाड़ बना लिया है.
ब्लड प्रेशर टैटू का आविष्कार
अमेरिका (USA) के ऑस्टिन (Austin) शहर की टेक्सास यूनिवर्सिटी (University of Texas) और टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी (Texas A&M University) के वैज्ञानिकों ने टैटू तैयार किया है. ये 300 मिनट तक बिल्कुल सटीक तरीके से ब्लड प्रेशर की रीडिंग बता सकता है.
टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रूजबेह जाफरी (Roozbeh Jafari) इसे कफ-लेस ब्लड प्रेशर टेक्नोलॉजी (Cuffless Blood Pressure technology) को नाम दिया है.
बार-बार बीपी नापने की टेंशन खत्म
प्रोफेसर रूजबेह जाफरी (Roozbeh Jafari) और उनकी टीम ने कड़ी मेहनत के बाद इस ई-टैटू का आविष्कार किया है. इसकी मदद से आपको बार-बार ब्लड प्रेशर नहीं नापना पड़ता. इससे आप हर वक्त बीपी को मॉनिटर कर सकते हैं, चाहे आप सो रहे हो, खा रहे हों, टहल रहे हों या फिर एक्सरसाइज कर रहे हों. इस टैटू का सेंसर इतना हल्का है कि आप जब इसे शरीर पर लगाते हैं तो वजन भी पता नहीं चलता.
च्युइंग गम वाले टैटू की आ जाएगी याद
आपने बचपन में च्युइंग गम वाले टैटू को हाथों या शरीर के हिस्से में लगाया होता, ये टैटू भी बिलकुल वैसे ही हमारी स्किन से चिपक जाते हैं. ये ग्रैफीन के बने होते हैं और इसे 24 घंटे तक इस्तेमाल किया जाता है. ये हमारी स्किन में इलेक्ट्रिकल करंट शूट करते हुए बीपी रीड कर लेते हैं. आप इसे नहाते वक्त भई इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इस टैटू को वॉटरप्रूफ बनाा गया है. साइंटिफिक भाषा की बात करें तो इस तकनीक को बायोइम्पीडेंस कहा जाता है.
मार्केट में कब आएगा ये टैटू?
रूजबेह जाफरी की टीम अपने ई-टैटू की दूसरी पीढ़ी पर काम कर रही हैं, जिसके अगले 5 सालों में मार्केट में आने की उम्मीद है. वो जिस अपग्रेड की कल्पना करते हैं, वो स्मार्टवॉच और फोन के साथ छोटा और कम्पेटिबल होगा जो डेटा ट्रांसफर करने और इसे पावर देने के लिए ब्लूटूथ तकनीक और नियर-फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) का उपयोग करते हैं. इन अपडेट्स के साथ, लगातार रक्तचाप की निगरानी के लिए ई-टैटू क्लीनिकल ट्रायल के लिए तैयार हो जाएंगे, और इसके तुरंत बाद आम लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जा सकेगा.
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