केजरीवाल बोले- जजों के फोन टैप किए जा सकते हैं, सरकार ने खारिज किया आरोप
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केजरीवाल बोले- जजों के फोन टैप किए जा सकते हैं, सरकार ने खारिज किया आरोप

सनसनी पैदा करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक कार्यक्रम में दावा किया कि इस बात का डर ‘व्यापक तौर पर’ फैला हुआ है कि जजों के फोन टैप किए जा रहे हैं जिस पर केंद्र सरकार ने तत्काल और जोरदार खंडन किया। । इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर भी पहुंचे थे।

केजरीवाल बोले- जजों के फोन टैप किए जा सकते हैं, सरकार ने खारिज किया आरोप

नई दिल्ली: सनसनी पैदा करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक कार्यक्रम में दावा किया कि इस बात का डर ‘व्यापक तौर पर’ फैला हुआ है कि जजों के फोन टैप किए जा रहे हैं जिस पर केंद्र सरकार ने तत्काल और जोरदार खंडन किया। । इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर भी पहुंचे थे।

मोदी, न्यायमूर्ति ठाकुर और केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद की उपस्थिति में केजरीवाल ने यहां एक कार्यक्रम में दावा किया कि जजों के साथ अपनी बैठकों में उन्होंने ‘उन्हें ( जजों को ) आपस में एक-दूसरे से यह कहते हुए सुना है कि उन्हें फोन पर बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि उन्हें टैप किया जा सकता है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने जजों से कहा कि उनके फोन टैप नहीं किए जा सकते, तो ‘उन्होंने जवाब में कहा कि सभी फोन टैप किए जा सकते हैं। मैं नहीं जानता कि यह बात सच है या नहीं लेकिन इस बात का डर व्यापक तौर पर फैला हुआ है। यदि यह सच है कि फोन टैप किए जा रहे हैं तो जजों को प्रभावित किया जा सकता है।’

दिल्ली उच्च न्यायालय की स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘गलत काम के बारे में सबूत जुटाने के कई अन्य तरीके हैं वरना यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सबसे बड़ा हमला होगा।’केजरीवाल के भाषण के बाद प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा, ‘मैं पूरे अधिकार के साथ जजों के फोन टैप किए जाने के आरोपों को खारिज करता हूं।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर अन्य मंत्रियों एवं सरकार तक, सभी ने आपातकाल में न्यायपालिका की स्वतंत्रता, व्यक्तिगत आजादी और मीडिया की स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी है।

उन्होंने कहा कि सरकार के लिए न्यायपालिका की स्वतंत्रता मूलभूत तत्व है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता। केजरीवाल और प्रसाद के बाद जब प्रधानमंत्री एवं प्रधान न्यायाधीश ने संबोधित किया तब दोनों में से किसी ने इस मुद्दे के बारे में कुछ नहीं बोला। बाद में गृह मंत्रालय ने केजरीवाल के आरोपों को बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कुलदीप सिंह धातवालिया ने एक बयान में कहा, ‘ गृह मंत्रालय ने मीडिया की उन रिपोर्ट से पूरी तरह से इंकार किया है जिनमें यह आरोप लगाया गया है कि कुछ न्यायाधीशों के टेलीफोन टैप किये जा रहे हैं । इन खबरों में कोई सचाई नहीं है। ये रिपोर्ट आधारहीन और अकारण हैं। ’

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