भारत में नाइट कर्फ्यू का कोई वैज्ञानिक बेस नहीं: WHO वैज्ञानिक
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भारत में नाइट कर्फ्यू का कोई वैज्ञानिक बेस नहीं: WHO वैज्ञानिक

डब्ल्यूएचओ (WHO) की वैज्ञानिक ने कहा नाइट कर्फ्यू लगाने के पीछे कोई विज्ञान नहीं है. उनका कहना है कि मनोरंजन स्थलों पर ये वायरस सबसे ज्यादा फैलते हैं इसलिए वहां कुछ प्रतिबंध लगाना स्वाभाविक है.

भारत में नाइट कर्फ्यू का कोई वैज्ञानिक बेस नहीं: WHO वैज्ञानिक

नई दिल्ली: डब्ल्यूएचओ (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने जोर देकर कहा है कि जब कोविड वेरिएंट्स (Covid Variants) के प्रसार से निपटने की बात आती है तो रात के कर्फ्यू (Night Curfew) के पीछे कोई विज्ञान नहीं है. एक टीवी मीडिया साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि भारत जैसे देशों को वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विज्ञान आधारित नीतियां बनानी चाहिएं.

  1. नाइट कर्फ्यू के पीछे कोई विज्ञान नहीं
  2. भारतीय घबराएं नहीं, रहें तैयार
  3. भारत जैसे देश विज्ञान के आधार पर बनाएं नीतियां

नाइट कर्फ्यू के पीछे विज्ञान नहीं

सौम्या ने कहा, 'रात के कर्फ्यू (Night Curfew) जैसी चीजों के पीछे कोई विज्ञान नहीं है. साक्ष्य-आधारित उपाय करने होंगे. सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों (Public Health Measures) की एक पूरी सूची है.' स्वामीनाथन ने कहा, 'मनोरंजन स्थल वे स्थान हैं जहां ये वायरस सबसे अधिक फैलते हैं. वहां कुछ प्रतिबंध (Restrictions) लगाना स्वाभाविक है.' उन्होंने कहा कि भारतीयों को तैयार रहने की जरूरत है, घबराने की नहीं. 

ओमिक्रॉन के मामलों में हो सकती है बढ़त

WHO की वैज्ञानिक ने कहा, 'हम भारत में ओमिक्रॉन (Omicron) के मामलों में वृद्धि देखने की उम्मीद कर सकते हैं, मुझे लगता है कि यह अभी कुछ शहरों में शुरू हो रहा है और बहुत से लोगों को संक्रमित (Infected) करने वाला है.' पिछले 24 घंटों में अत्यधिक तेजी से फैलने वाले कोविड वेरिएंट ओमिक्रॉन (Covid Variant Omicron) के 309 नए मामलों का पता चलने के साथ, शुक्रवार को भारत में कुल ओमिक्रॉन (Omicron) मामलों की संख्या बढ़कर 1,270 हो गई. इनमें से 374 को छुट्टी दे दी गई है.

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ओमिक्रॉन पसार रहा भारत में अपने पैर

अब तक जिन 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ओमिक्रॉन (Omicron) संक्रमण की सूचना दी है, उनमें से महाराष्ट्र इस वेरिएंट के 450 मामलों के साथ सूची में सबसे ऊपर है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) के आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से 125 मरीजों को छुट्टी दे दी गई है. दिल्ली में 320 ओमिक्रॉन (Omicron) संक्रमण के दूसरे सबसे ज्यादा मामले हैं. हालांकि, इनमें से 57 को अस्पताल (Hospital) से छुट्टी मिल चुकी है.

अस्पताल में भर्तियों में इजाफा

शुक्रवार को एक अलग ट्वीट में, स्वामीनाथन ने कहा, 'अस्पताल में भर्ती होने में इजाफा हो रहा है, जिनमें ज्यादातर बिना टीकाकरण वाले लोग हैं. भले ही ओमिक्रॉन (Omicron) से कम गंभीर बीमारियां हो रही हैं, मगर एक बड़ी संख्या का कम प्रतिशत भी बहुत बड़ा होता है और इससे स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System) चरमरा सकती है.'

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वैक्सीनेशन से होती है सुरक्षा

डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने इस बात पर भी जोर दिया है कि कोरोना (Corona) का कोई भी वेरिएंट (Covid, Omicron या Delta Variant) हो, वैक्सीनेशन (Vaccination) सुरक्षा प्रदान करता है. इससे अस्पताल (Hospital) जाने की संभावना कम होती है और मौत का खतरा भी कम रहता है.

(इनपुट - आईएएनएस)

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