आज कुछ लोगों की जमानत भी होगी 'जब्‍त', इसका मतलब भी जान लीजिए
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आज कुछ लोगों की जमानत भी होगी 'जब्‍त', इसका मतलब भी जान लीजिए

देश में हर चुनाव को लड़ने के लिए उम्‍मीदवार को तय राशि चुनाव आयोग में जमा करनी होती है, जो कुछ स्थितियों में जब्‍त हो जाती है. जानते हैं इसे लेकर क्‍या नियम हैं. 

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली: हर चुनाव जीत-हार लाने के साथ-साथ कई लोगों की जमानत तक जब्‍त कराकर जाते हैं. ऐसा तब होता है जब कोई भी प्रत्‍याशी निर्धारित की गईं न्‍यूनतम वोटें भी हासिल नहीं कर पाता है. इसलिए चुनावों में प्रतिद्वंदी आमतौर पर एक-दूसरे को इतनी बुरी तरह हराने की धमकी देते हैं कि उनकी जमानत ही जब्‍त हो जाए. आज 5 राज्‍यों के चुनावी नतीजे आ रहे हैं. आइए जानते हैं कि किन सूरते-हाल में किसी भी प्रत्‍याशी की जमानत जब्‍त होती है और किन सूरतों में निर्धारित वोट न मिलने के बाद भी उसे जमानत राशि वापस दे दी जाती है. 

  1. जानें क्‍यों जब्‍त होती है जमानत राशि 
  2. लोकसभा चुनाव के लिए 25,000 है जमानत राशि 
  3. विधानसभा चुनाव में जमा करने होते हैं 10,000 रुपये 

इस स्थिति में जब्‍त होती है जमानत 

हर उम्‍मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए एक तय रकम चुनाव आयोग में जमा करानी होती है, इसे ही जमानत राशि कहा जाता है. यदि कोई उम्मीदवार चुनाव में कुल मतों का छठवां हिस्सा भी हासिल नहीं कर पाता है, तो उसके द्वारा जमा कराई गई जमानत राशि आयोग द्वारा जब्‍त कर ली जाती है. 

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कितनी होती है जमानत राशि? 

हर चुनाव के लिए जमानत राशि अलग-अलग होती है. फिर चाहे बात पंचायत चुनाव की हो, विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव से लेकर राष्ट्रपति के चुनाव तक की हो. इनमें हिस्‍सा लेने वाले हर उम्‍मीदवार को तय जमानत राशि जमा करनी होती है. हालांकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग और एससी-एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग जमानत राशि होती है. वहीं राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में सभी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए एक ही राशि होती है. 

- लोकसभा चुनाव की जमानत राशि की बात करें तो सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25 हजार रुपये, वहीं, एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को इससे आधी यानी कि 12,500 रुपये जमानत राशि जमा करनी होती है.

- विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को जमानत राशि के तौर पर 10 हजार रुपये होती है, वहीं एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को 5 हजार रुपये जमा आयोग में जमा कराने होते हैं.

- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में सभी वर्गों के प्रत्‍याशियों को 15 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करानी होती है. 

...इसलिए होती है जमानत जब्त?

चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक यदि कोई उम्मीदवार सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 यानी 16.66% वोट भी नहीं ले पाता है तो उसकी जमानत जब्‍त हो जाती है. यानी कि किसी सीट पर 1 लाख वोट पड़ें और किसी उम्‍मीदवार को 16,666 से कम वोट मिलें तो उसकी जमानत जब्‍त हो जाएगी. 

इन सूरतों में वापस हो जाती है जमानत राशि 

जिन उम्मीदवार को 1/6 से ज्यादा वोट मिल जाते हैं, उन सभी की जमानत राशि लौटा दी जाती है. यदि उम्‍मीदवार जीत जाए, भले ही उसे 1/6 से कम वोट मिले हों, तो भी उसे जमानत के पैसे लौटा दिए जाते हैं. इसके अलावा वोटिंग शुरू होने से पहले यदि किसी उम्मीदवार की मौत हो जाए, जिन उम्मीदवारों  का नामांकन रद्द हो जाए या जो प्रत्‍याशी नामांकन वापस ले लें उन सभी की जमानत राशि भी लौटा दी जाती है. 

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