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लखनऊ:बाबरी विध्वंस केस पर आए सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के फैसले को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने गलत बताया है. उन्होंने कहा कि साक्ष्य, गवाह और सरकारी अफसर मौजूद थे, इसके बाद भी साक्ष्यों की कमी कैसे है. जिलानी ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
गौरतलब है कि स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने केस का फैसला पढ़ते हुए कहा कि बाबरी विध्वंस की घटना पूर्वनियोजित नहीं बल्कि आकस्मिक थी. अराजक तत्वों ने ढांचा गिराया था और आरोपी नेताओं ने इन लोगों को रोकने का प्रयास किया था. आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं और सीबीआई की ओर से जमा किए गए ऑडियो और वीडियो सबूतों की प्रमाणिकता की जांच नहीं की जा सकती है. इसलिए केस के सभी 32 आरोपी बाइज्जत बरी किए जाते हैं. फैसला सुनाने के साथ ही जज एसके यादव सेवानिवृत्त हो गए. आपको बता दें कि वह एक वर्ष पहले आज ही के दिन सेवानिवृत्त हो गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस के फैसले तक उनको सेवा विस्तार दे दिया था.
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