यूपी की 10 राज्यसभा सीटों को लेकर समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले विधायक मनोज पांडेय ने सचेतक पद से इस्तीफा दिया है.
इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि वह राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी को वोट भी नहीं करेंगे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है. सूत्रों के मुताबिक विधासनसभा सचिवालय में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की है.
मनोज कुमार पांडेय का जन्म 15 अप्रैल 1968 को रायबरेली में हुआ था. उन्होंने कानपुर के फिरोज गांधी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मनोज पांडे की कुल संपत्ति 16.30 करोड़ रुपये हैं. इनमें से 3.3 करोड़ की चल और 13 करोड़ की अचल संपत्ति हैं, उन पर दो करोड़ रुपये की देनदारियां हैं.
मनोज पांडेय रायबरेली जिले की ऊंचाहार सीट से विधायक हैं. दिलचस्प बात यह है कि जब से यह सीट आस्तित्व में आई है तब से मनोज पांडेय का ही इस पर कब्जा रहा है.
साल 2012 में इस सीट पर पहली बार विधानसभा चुनाव हुए, जिले की सभी पांचों सीटों पर सपा ने परचम लहराया. मनोज पांडेय ऊंचाहार सीट से विधायक चुने गए.
इसके बाद जब 2017 में जिले की एक सीट ही सपा के खाते में गई, जो ऊंचाहार थी. 2022 में बीजेपी की आंधी में भी मनोज पांडेय सीट बचाने में कामयाब रहे.
साल 2012 में उन्होंने बसपा के टिकट पर लड़े स्वामी प्रसाद मौर्य के पुत्र उत्कर्ष मौर्य को शिकस्त दी.
इसके बाद 2017 के चुनावी दंगल में भी मनोज पांडेय का मुकाबला भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कर्ष मौर्य से ही हुआ और दूसरी बार भी यहां मनोज ने ही जीत दर्ज की.
2022 विधानसभा चुनाव में मनोज पांडेय ने भाजपा के अमरपाल मौर्य को करीबी मुकाबले में हराया था.