उत्तराखंड के अल्मोड़ा में का ऐतिहासिक महत्व है. ये मंदिर अपने चुंबकीय प्रभाव के लिए मशहूर है.
अगर आप नवरात्रि में देवी के मंदिर में जाने का सोच रहे हैं, तो एक बार इस मंदिर में जरूर जाएं.
अल्मोड़ा के कसार देवी क्षेत्र में ध्यान, शांति, मेडिटेशन के लिए दुनिया भर से लोग पहुंचते हैं.
यहां रहकर साधना करने वाले साधक और विद्वानों में स्वामी विवेकानंद और गोविंदा लामा जैसी शख्सियतें रही हैं. नासा के वैज्ञानिक भी इस क्षेत्र को खास मानने लगे हैं.
बता दें कि अल्मोड़ा का कसार देवी क्षेत्र. प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर चीड़, देवदार और बांज के वृक्षों से भरा जंगल है.
यहां पर कसार देवी क्षेत्र की चोटी पर्वत की चोटी पर खड़ा होकर सीधे हिमालय दिखाई देता है. यहां पहुंचने वाले साधकों, श्रद्धालुओं और सैलानियों का कहना है कि यहां गजब की शांति महसूस होती है.
नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक कसार देवी क्षेत्र में वैन एलेन बैल्ट है. यानि कसार पर्वत के ठीक नीचे धरती में विशाल भू-चुंबकीय पिंड है, जिसके चारों और चार्ज विद्युतीय कणों की परत है. जिसे रेडिएशन भी कहा जाता है.
कसार देवी क्षेत्र में चार्ज शक्ति पुंज यहां पहुंचने वाले साधकों, पर्यटकों और भक्तों का अशांत मन शांत कर देता है.
कसार देवी में चार्ज शक्ति पुंज का असर विदेशियों पर भी हुआ है. शांति की खोज में कसार आये सैकड़ों विदेशियों ने यहीं ठिकाना बना लिया है.