देवताओं की भूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड प्राकृतिक छटाओं और सुंदरता से लबरेज है. ये भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है, जहां साल भर पर्यटकों का तांता लगा रहता है.
एक चारों तरफ जहां यहां के ऊंचे-ऊंचे हरे भरे पहाड़ दुनिया भर के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं, तो वहीं हरिद्वार-ऋषिकेश, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जैसे धार्मिक स्थल हैं.
घूमने के अलावा उत्तराखंड को एक चीज जो सबसे खास बनाती है, वो यहां की फेमस मिठाइयां हैं, जिनके स्वाद के विदेशी भी मुरीद हैं. ऐसे में आपको उत्तराखंड की कुछ फेमस मिठाइयों के बारे में बता रहे हैं.
उत्तराखंड की प्रसिद्ध मिठाई में सबसे पहले नाम आता है बाल मिठाई का. इस मिठाई का स्वाद कुछ ऐसा है कि जो एक बार चढ़ जाए तो फिर दोबारा उतरते नहीं उतरता. बाल मिठाई की उत्पत्ति की कहानी कुमाऊं क्षेत्र से जुड़ी है.
20वीं सदी की शुरुआत में इस पारंपरिक मिठाई को पहली बार अल्मोड़ा के स्थानीय लोगों ने बनाया था. भूने खोये से बनी ये मिठाई चॉकलेट की तरह दिखती है, जोकि ऊपर से चीनी के सफेद छोटे गोले से ढकी होती है.
बाल मिठाई के साथ-साथ सिंगोड़ी भी उत्तराखंड की पहचान है. ये मिठाई गाढ़े दूध में नारियल का चूरा डालकर खोया से तैयार की जाती है. इसके बाद इसे मालू के पत्ते के साथ शंकु के रूप में लपेटा जाता है फिर गुलाब की पंखुड़ी से सजाकर परोसा जाता है.
अरसा उत्तराखंड की एक पारंपरिक मिठाई है, जिसे खासतौर पर त्योहारों और विशेष अवसरों पर ही बनाया जाता है. अरसा मिठाई को पहाड़ी रसगुल्ले के नाम से भी जाना जाता है. ये एक कुरकुरी मिठाई होती है.
पहाड़ों के पारंपरिक व्यंजनों का मजा मैदानी क्षेत्र में लेना थोड़ा मुश्किल है, कुमाऊंनी हलवा भी बिल्कुल ऐसा ही है, जिसका टेस्ट मैच करना मुश्किल है. कुमाऊंनी हलवा सूजी के हलवे से थोड़ा अलग है. हालांकि, इसकी मुख्य सामग्री सूजी ही है.
झंगोरे की खीर उत्तराखंड का लोकप्रिय व्यंजन है. बारीक सफेद दाने वाले झंगोरे को हिंदी में सांवा भी कहते हैं. ये डिश कुमाऊं और गढ़वाल के हिस्सों में खूब बनाई जाती है. इसमें भरपूर कैलोरी-प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं.