मंदिर के निर्माण के लिए राजस्थान के पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मंदिर निर्माण से पहले इन पत्थरों पर आकर्षक नक्काशी की जा रही है. नक्काशी में बनाई जाने वाली डिजाइन नागर शैली पर आधारित है.
गर्भगृह के 6 खंभों का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है. इसे मकराना मार्बल से बनाया जा रहा है. मकराना संगमरमर से ही मंदिर के गर्भगृह में फर्श, मेहराब, रेलिंग, दरवाजे के फ्रेम को तैयार किया जाएगा.
श्रीराम मंदिर में नेपाल से भेजी गईं शिलाएं अयोध्या पहुंच चुकी हैं. इनसे श्रीराम और जानकी की मूर्तियां तराशी जाएंगी. इन शिलाओं को नेपाल की गंडकी नदी से निकाला गया था.
मंदिर निर्माण का पहला चरण अगस्त 2023 तक पूरा होगा तो वहीं दूसरा चरण दिसंबर 2025 तक और तीसरा चरण यानि की 2025 तक मंदिर आकार ले चुका होगा. वहीं, जनवरी 2024 से मंदिर में पूजन-दर्शन शुरू हो जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, मंदिर निर्माण का कार्य तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. वहीं, 14 फीट तक गर्भगृह का पिलर भी बनकर तैयार हो चुका है.