राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने हत्या कर दी थी. नाथूराम गोडसे ने गांधी जी के सीने में तीन गोलियां मारी थीं. इसके बाद उसे मौत की सजा सुनाई गई.

जब नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को गोली मारी थी तो बापू के सबसे पास मनु गांधी थीं. उन्हें बापू का अंतिम शब्द 'हे रा...' सुनाई दिया. इसी आधार पर मान लिया गया कि बापू का आखिरी शब्द 'हे राम' ही थे. वहीं कुछ लोग ऐसा नहीं मानते हैं

बापू पर 30 जनवरी 1948 को पहला प्राणघातक हमला नहीं हुआ था. इस अंतिम हमले से पहले उनपर पांच हमले और हुए थे.

ये हमले 25 जून 1934, जुलाई 1944, सितंबर 1944, जून 1946 और 20 जनवरी 1948 हो हुए

दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

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