यह प्राचिन मंदिर देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में स्थित है. इस मंदिर को कसार देवी के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर में चुम्बकीय शक्तियों का वास है. काफी समय से नासा के वैज्ञानिक चुम्बकीय रूप से इस जगह के चार्ज़ होने का कारण और इसके प्रभावों पर अध्ययन कर रहे हैं.
इस स्थान के चमत्कारों से प्रभावित होकर 1890 में स्वामी विवेकानंद भी कसार देवी मंदिर में रहे थे. कहा जाता है कि विवेकानंद को अल्मोड़ा से करीब 22 कि.मी दूर ककड़ीघाट में खास ज्ञान की अनुभूति हुई थी.
स्थानिय निवासियों के अनुसार इस मंदिर परिसर के आस-पास वाला पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है. यहां धरती के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है. इस पिंड में विद्युतीय चार्ज़ कणों की परत है जिसे रेडिएशन कहा जा सकता है परंतु आज तक कोई भी इस भू चुंबकीय का पता नहीं लगा पाया.
कई वर्षों से नासा के वैज्ञानिक भी इस क्षेत्र की रिसर्च कर रहे हैं. नासा की टीम इस चुंबकीय क्षेत्र के बनने के कारणों के साथ-साथ मानव मस्तिष्क और प्रकृति पर इसके पड़ने वाले प्रभाव पर भी अध्ययन कर रही है. परंतु अभी तक इस टीम के हाथ कोई सफलता नही लगी.
कसार देवी मंदिर के चमत्कारों से प्रभावित होकर प्रत्येक साल विदेशों से भी कई लोग कसार देवी मंदिर आते हैं. खासकर इंग्लैंड से काफी लोग यहां आते हैं. देश- विदेश से आने वाले सैलानी यहां पर कुछ महीने रहकर आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति करते हैं.
अब तक हुए अध्ययन में पाया गया है कि अल्मोड़ा स्थित कसार देवी मंदिर, दक्षिण अमेरिका के पेरू स्थित माचू-पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग में एक ही तरह की अद्भुत समानताएं हैं. इन तीनों जगहों पर चुंबकीय शक्ति का विशेष पुंज है.
कसार देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए काठगोदाम निकटतम रेलवे स्टेशन है. इस खूबसूरत रेलवे से मंदिर की दूरी महज 88 किलोमीटर है. गौला नदी के तट पर बसा काठगोदाम शहर उत्तराखंड के हिमालयी हार में एक कीमती रत्न की तरह है. इस शहर को कुमांऊ का द्वार भी कहा जाता है.
अल्मोड़ा हिमालय पर्वतमाला की गोद में स्थित एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है. अल्मोड़ा शहर घोड़े के पैरो के आकार की तरह प्रतीत होता है. अल्मोड़ा शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक, शानदार हस्तशिल्प, स्वादिष्ट भोजन के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. अल्मोड़ा से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कसार देवी का मंदिर.
कसार देवी मंदिर के आस- पास अब कई रिसॉर्ट्स और होमस्टे भी खुल गए हैं. ये रिसॉर्ट्स और होमस्टे काफी शांत और आरामदायक हैं. कसार देवी में अब कई कैफे भी खुल गए हैं. जहां आप स्थानीय कुमाऊंनी व्यंजनों का स्वाद चख सकते हैं