रेड टेंपल साड़ी को प्योर रेशम के धागों से बनाया जाता है. इन साड़ियों की बुनाई में खास तौर पर दक्षिण भारत और गुजरात के जरी और रेशम के धागे इस्तेमाल किए जाते हैं.
रेड टेंपल साड़ी की जड़ें दक्षिण भारत से जुड़ी हैं. खासकर तमिलनाडु से. मंदिरों के शहर कांचीपुरम से जुड़ाव के कारण इस साड़ी को कांचीपुरम या कांजीवरम साड़ी भी कहा जाता है.
अपने पांचवें बजट के दौरान सीतारमण ने जो साड़ी पहनी थी, उसे रेड टेंपल साड़ी कहा जाता है. यह कांचीपुरम साड़ियों में से एक है. रेड टेंपल साड़ी की अपनी विशेषता होती है.
इससे पहले गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को वह हलवा सेरेमनी में नॉर्थ ब्लॉक में हरी और पीली कांजीवरम साड़ी में नजर आई थीं.
सीतारमण की साड़ियों के रंग अक्सर देश की करेंसी से मेल खाते दिखते हैं. वह कई मौकों पर 10 रुपये से लेकर 2,000 रुपये के नोट के रंग की मैचिंग साड़ी में नजर आती हैं.