चीनी का कटोरा है यूपी का ये जिला, गन्ना किसानों की खान, हर 10 कदम पर गुड़ उत्पादन

Padma Shree Shubham
Nov 13, 2024

चीनी का कटोरा

मुजफ्फरनगर को चीनी के कटोरा कहा जाता है क्योंकि यहां आपको गुड़ की खुशबू की महक कदम कदम पर महसूस होगी.

देश विदेश में काफी मशहूर

मुजफ्फरनगर का गुड़ देश विदेश में काफी मशहूर है. एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी भी मुजफ्फरनगर में ही है.

गुड़ का उत्पाद

मुजफ्फरनगर के गुड़ का नाम एक जिला एक उत्पाद (One District One Product) में भी शामिल हो चुका है.

गुड़ का व्यापार

जिले के नुनाखेड़ा गांव के हर घर में गुड़ का व्यापार होता है. यहां पर 50 से भी अधिक गुड़ के कोल्हू हैं जहां से तरह तरह का गुड़ बनकर दूर-दूर तक सप्लाई किया जाता है.

गुड़ के कोल्हू

हर दस कदम पर यहां गुड़ के कोल्हू मिलेंगे जहां 24 घण्टे गुड़ बनाया जाता है जिसके लिए 2 शिफ्ट में लगती है और कारीगर 12-12 घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं.

गुड़ की कीमत

यहां गुड़ की कीमत 30 रुपए किलो से शुरू होकर और बढ़ती है. हालांकि गांव में यहां अलग अलग गुड़ के अलग अलग दाम हैं.

करीब 600 कुंतल गुड़

नुनाखेड़ा गांव का हर एक परिवार गुड़ के काम में लगा है और करीब 600 कुंतल गुड़ एक दिन में गांवभर से तैयार होता है जिसकी खपत भी हाथ के हाथ होती है.

गुड़ की बिकरी

इस गांव में लोग खुद गुड़ खरीदने आते हैं. गुड़ की बिकरी के लिए कोई गुड़ मंडी तक नहीं ले जाता है.

गुड़ की मांग

मुजफ्फरनगर में बनाए गए गुड़ की मांग राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब से लेकर हरियाणा, बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में है.

गुड़ का निर्यात

जिन गुड़ का निर्यात होता है वे चाकू, पपड़ी, मिंजा, रसकट, शक्कर और लड्‌डू, खुरपा, चौरसा जैसे प्रकार शामिल हैंय जिले में गुड़ की थोक मंडी सन् 1954 में ही स्थापित हुई.

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