उत्तराखंड चुनाव 2022: क्या फिर बागी बनेंगे सत्ता की चाबी, हाल में इन विधायकों ने थामा बीजेपी का दामन
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उत्तराखंड चुनाव 2022: क्या फिर बागी बनेंगे सत्ता की चाबी, हाल में इन विधायकों ने थामा बीजेपी का दामन

017 के विधानसभा चुनाव के पहले भी बड़ी बगावत उत्तराखंड में देखने को मिली थी, जिससे भाजपा ने प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई. वहीं, एक बार फिर प्रदेश में बगावत का बिगुल बजा है.

उत्तराखंड चुनाव 2022: क्या फिर बागी बनेंगे सत्ता की चाबी, हाल में इन विधायकों ने थामा बीजेपी का दामन

देहरादून: 2022 के विधानसभा चुनाव में बागी पॉलिटिक्स को सत्ता की ताजपोशी के लिए कारगर हथियार माना जा रहा है. 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भी बड़ी बगावत उत्तराखंड में देखने को मिली थी, जिससे भाजपा ने प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई. वहीं, एक बार फिर प्रदेश में बगावत का बिगुल बजा है.

बागी पॉलिटिक्स बनी सत्ता की चाबी?
बागी पॉलिटिक्स क्या अब उत्तराखंड में सत्ता की चाबी बन गई है. 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले 18 मार्च 2016 को उत्तराखंड की सियासत में एक भूचाल आया था. जब कांग्रेस पार्टी के नौ कद्दावर ने कांग्रेस से बगावत कर कमल को थाम लिया था. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा हरक सिंह रावत सुबोध उनियाल ,रेखा आर्य, शैला रानी रावत , उमेश शर्मा काऊ, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, शैलेंद्र मोहन सिंघल शामिल थे.

शैलेंद्र मोहन सिंघल और शैला रानी को छोड़कर बाकी सभी चुनाव जीत गए. उत्तराखंड की 20 साल की पॉलिटिक्स में यह अभिनव पहल था जब बड़ी बगावत हुई और उसका नतीजा भाजपा के लिए सुखद साबित हुआ और भाजपा 70 में से 57 सीटें जीत लीं. 

हाल में इन विधायकों ने थामा बीजेपी का दामन
हाल में धनोल्टी विधानसभा के निर्दलीय विधायक प्रीतम पवार, गंगोत्री विधानसभा के राजकुमार, निर्दलीय विधायक राम सिंह खेड़ा बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. 

भाजपा का कहना हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यशैली को देखकर कांग्रेस पार्टी के नेता भाजपा का दामन थाम रहे. ऐसे में कांग्रेस पार्टी को क्या एतराज हो रहा है. पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कांग्रेस से सवाल पूछा है कि आखिर कांग्रेस में जब नीति नहीं है तो उसके नेता अगर पार्टी को अलविदा कह रहे हैं तो कांग्रेस पार्टी को किस बात का एतराज है. 

विपक्ष ने साधा निशाना
वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संगठन महामंत्री का कहना है कि कांग्रेस पार्टी इतना जरूर जानती है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बागी पॉलिटिक्स भारी पड़ जाएगी. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आरती रतूड़ी का कहना है कि भाजपा साम दाम दंड भेद के जरिए सत्ता हासिल करती है और जोड़-तोड़ से  सत्ता मिलती है जबकि कांग्रेस ऐसा नहीं करती हैं. भाजपा का यह एक कल्चर बन चुका है और इसी तरह से भाजपा सत्ता को हासिल करती है. 

प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ता बेस पार्टी नहीं है, नेता बेस पार्टी है और भले ही कांग्रेस मुक्त की बात करती हो मगर कांग्रेसी नेताओं से भाजपा भरी पड़ी है. ऐसे में 22 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता तय करेगी कि आखिर जीत की ताजपोशी किस पार्टी को करनी है

फिलहाल जिस तरह की जिस तरह से विधानसभा चुनाव के पहले दामन छोड़ने और दामन थामने की पॉलिटिक्स चल रही है, यह कितना फायदेमंद साबित होगी यह तो आने वाला वक्त बताएगा. 

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