भाजपा में घोषणा पत्र बनाने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को दी गई है, जो हरिद्वार से सांसद भी हैं. केंद्र सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे हैं. मगर कांग्रेस पार्टी सवाल उठा रही है कि सत्ताधारी भाजपा अपने घोषणा पत्र को कभी पूरा नहीं कर पाई है.
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देहरादून: उत्तराखंड में आने वाले 2-3 महीनों में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Chunav 2022) होने वाले हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में घोषणा पत्र बनाने का काम शुरू हो चुका है. भाजपा में घोषणा पत्र बनाने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को दी गई है, जो हरिद्वार से सांसद भी हैं. केंद्र सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे हैं. मगर कांग्रेस पार्टी सवाल उठा रही है कि सत्ताधारी भाजपा अपने घोषणा पत्र को कभी पूरा नहीं कर पाई है.
कांग्रेस ने भाजपा पर लगाए आरोप
कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता प्रतिमा सिंह का कहना है कि भाजपा घोषणा पत्र को पूरा करने में नाकाम रही है. ऐसे में अगर घोषणा पत्र बनता भी है तो वह किसी काम का नहीं होगा क्योंकि प्रदेश की जनता ने भाजपा सरकार को 5 साल दिया है. प्रतिमा सिंह का कहना है कि कांग्रेस पार्टी घोषणा पत्र में जिन मुद्दों का जिक्र करती है. उसे मुकम्मल भी करती है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में महंगाई, बेरोजगारी, महिला, युवा, किसान और उत्तराखंड के संपूर्ण विकास को लेकर प्लान तैयार करने का दावा किया है.
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घोषणा पत्र के लिए आम लोग भी दे सकते हैं सुझाव-BJP
वहीं, भाजपा का कहना है कि भाजपा अपने घोषणा पत्र में उत्तराखंड के विकास को लेकर प्लान तैयार कर रही है. इस प्लान के मुताबिक इसमें सभी बिंदुओं को शामिल किया जा रहा है. जिससे प्रदेश का बेहतर तरीके से विकास हो सके. खासतौर से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को लेकर सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है. घोषणा पत्र को भाजपा जल्द जारी करने का दावा कर रही है. घोषणा पत्र में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण के साथ कई मुद्दों को शामिल किया जा रहा है. प्रदेश की जनता से भी सुझाव मांगे जा रहे हैं. प्रदेश के 70 विधानसभा सीटों में भाजपा का विजय संकल्प रथ जा रहा है, जिसमें सुझाव पेटिका लगी है. आम लोग भी अपना सुझाव दे सकते हैं कि भाजपा के घोषणा पत्र में क्या-क्या शामिल होना चाहिए.
फिलहाल अब देखना होगा कि एक 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर किस पार्टी की घोषणा पत्र में क्या-क्या मुद्दे शामिल होते हैं और उन घोषणाओं के आधार पर प्रदेश की जनता ताजपोशी करती है?
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