Valantine special: राजनीति में प्रेम के पंछी: जानें कैसे मोहब्बत बनी ताकत! इन जोड़ों के प्यार की दी जाती है मिसाल
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Valantine special: राजनीति में प्रेम के पंछी: जानें कैसे मोहब्बत बनी ताकत! इन जोड़ों के प्यार की दी जाती है मिसाल

Valantine special: कहते हैं जोड़ियां आसमान में बनती हैं और जिसके लिए जो बना होता है उसे वो देर-सवेर मिल ही जाता है. आज प्यार का दिन यानी वैलेंटाइन डे है. अगर बात वैलेंटाइन की है तो ये दिन प्यार के बिना अधूरा है. प्यार की ऐसी कहानियां हैं जो इतिहास में अमर है....इसलिए आज हम राजनीति जगत में सफल जोड़े के बारे में बताते हैं. ..

Valantine special: राजनीति में प्रेम के पंछी: जानें कैसे मोहब्बत बनी ताकत! इन जोड़ों के प्यार की दी जाती है मिसाल

Valentine day 2022: आज प्यार का दिन यानी वैलेंटाइन डे है. अगर बात वैलेंटाइन की है तो ये दिन प्यार के बिना अधूरा है. प्यार की ऐसी कहानियां हैं जो इतिहास में अमर है. हीर रांझा हो या सोनी-महिवाल इनके प्यार की कसमें हर प्रेमी खाता है. आज का दिन कई मायनों में महत्वपूर्ण है. आज विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण की वोटिंग है और संयोग से वैलेंटाइन डे है. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे राजनीति के उन जोड़ों के बार में जो अपने जीवनसाथी के साथ हर कदम पर साथ रहते हैं. परिवार हो या राजनीति ये जोड़े लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं.

डिंपल और अखिलेश 
यूपी में अखिलेश की बात हो और डिंपल यादव की बात न हो तो ये कैसे संभव है. डिंपल की सादगी को देख किसी को भी रश्क हो सकता है. परिवार संभालने के साथ वो अखिलेश के साथ उनकी राजनीति में भी दखल रखती हैं. दोनों एक दूसरे का राजनीतिक करियर भी संभालते हैं. बात करें इनकी लव लाइफ की तो इसकी शुरुआत उस समय हुई जब अखिलेश की उम्र महज 21 साल की थी और डिंपल टीनएजर थी (17 साल) थी. दोनों की मुलाकात एक दोस्त के जरिए हुई थी. डिंपल लखनऊ यूनिवर्सिटी से कॉमर्स की पढ़ाई कर रही थीं तो वहीं अखिलेश ऑस्ट्रेलिया से इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री के लिए जा रहे थे. 

दोनों के बीच आकर्षण इतना था कि पढ़ाई के लिए सिडनी जाने के बाद भी अखिलेश हमेशा डिंपल के संपर्क में रहे. इन दोनों के बीच लगभग चार साल तक लव अफेयर चला. अखिलेश वहां से लव लेटर और ग्रीटिंग कार्ड भेजते थे. अखिलेश अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत वापस लौटे, उस समय वो डिंपल से शादी करने का मन पूरी तरह से बना चुके थे. अखिलेश और डिपंल की शादी में आम लोगों की तरह कई दिक्कतें थी. ऐसा कहा जाता है कि मुलायम सिंह इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे. लेकिन अखिलेश भी डिंपल से शादी करने के लिए अड़ गए तो उनको मानना ही पड़ा. आपको बता दें कि डिंपल का परिवार आर्मी बैकग्राउंड से है. उनके पिता कर्नल थे. काफी मुश्किलों के बाद दोनों की शादी 24 नवंबर 1999 को हुई. अखिलेश और डिंपल दोनों अपनी लाइफ में खुश हैं और उन दोनों के तीन बच्चे हैं. अखिलेश की राजनीति में सभी काम डिंपल ही संभालती हैं.

प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा
अपनी दादी इंदिरा गांधी की तरह दिखने वाली और उनकी तरह राजनीति में दखल रखने वाली प्रियंका गांधी को कौन नहीं जानता. पहले वो राजनीति में एक्टिव नहीं, पीछे रहकर ही वो अपने परिवार को सपोर्ट करती थी. प्रियंका के राजनीति में आने के पीछे रॉबर्ड वाड्रा का सपोर्ट भी एक कारण है. जी हां, रॉबर्ट वाड्रा प्रियंका के जीवन साथी है. देश के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की बेटी प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा की लव स्टोरी भी काफी दिलचस्प है. ब्रिटिश स्कूल में पढ़ाई के दौरान दोनों के बीच प्यार के अंकुर फूटे. दोनों में बातचीत होने लगी. प्रियंका की सादगी पर रॉबर्ट का दिल आ गया.

किसी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में प्रियंका गांधी ने बताया था कि जब मैं रॉबर्ट से पहली बार मिली थी तो महज 13 साल की थी. उन्होंने कहा था कि वो मुझसे वैसे ही मिलते थे जैसे दूसरे दोस्तों से मिलते थे. उनकी ये बात मुझे पसंद आई. रॉबर्ट एक बिजनेसमैन फैमिली से संबंध रखते थे. प्रियंका और रॉबर्ड की शादी में भी अड़चनें आईं. रॉबर्ट को लेकर गांधी फैमिली राजी नहीं थी. पर प्रियंका का दिल तो रॉबर्ट वाड्रा ने चुरा लिया था. दोनों ने अपने परिवार को किसी तरह राजी किया. ऐसा कहा जाता है कि प्रियंका उनसे मिलने मुरादाबाद मिलने पहुंच गईं थी. साल 18 फरवरी 1997 में प्रियंका और रॉबर्ट शादी के बंधन में बंध गए. उनकी शादी सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ, दिल्ली पर हिंदू रीति-रिवाजों से हुई. उन दोनों के दो बच्चे हैं.

अपर्णा यादव और प्रतीक यादव
प्रतीक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के छोटे भाई हैं. प्रतीक राजनीति में एक्टिव नहीं हैं पर उनकी पत्नी अपर्णा यादव राजनीति में उतर चुकी हैं. वो फिलहाल बीजेपी में शामिल हुई हैं. ऐसा नहीं है कि अपर्णा के राजनीति में आने पर प्रतीक ने कभी भी आपत्ति नहीं की. प्रतीक खुद तो कभी पॉलिटिक्स में नहीं आए. लेकिन उन्होंने अपर्णा को राजनीति में आने से नहीं रोका। बल्कि हमेशा उनको सपोर्ट किया है.

प्रतीक भी स्कूल के दिनों से ही अपर्णा के दीवाने थे. अपर्णा उनके साथ उसी स्कूल में नहीं पढ़ती थी. स्कूल की तरफ से आयोजित होने वाले फंक्शन में उनकी मुलाकातें होती रहती थीं. मीडिया खबरों के मुताबिक एक दोस्त की बर्थडे पार्टी में प्रतीक ने पहली बार अपर्णा का ईमेल एड्रेस लिया था. अपर्णा ने उन्हें मेल एड्रेस दिया. वहीं से उनके बीच मैसेज का आदान-प्रदान शुरू हुआ. कई दिनों के बाद अपर्णा ने अपना मेल चेक किया तो उसमें प्रतीक के मैसेज मिले। जिनमें उन्होंने प्यार का इजहार किया हुआ था अपर्णा उस वक्त ये नहीं जानती थीं कि प्रतीक, मुलायम सिंह यादव के बेटे हैं. आठ साल की मुलाकातों के बाद दोनों की साल 2011 में सगाई हुई और 2012 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए.

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दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह 
सत्ता के गलियारों में दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह की लवस्टोरी भी हमेशा चर्चा में रही है. झारखंड के बोकारो से ताल्लुक रखने वाली स्वाति सिंह लखनऊ यूनिर्विसिटी से पढ़ाई कर रही थीं. दयाशंकर ABVP के साथ छात्र राजनीति में बहुत ज्यादा एक्टिव थे. स्वाति खुद भी छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रही थीं. दयाशंकर का भाषण सुनने के लिए छात्रों की भीड़ जुटती थी. ऐसा कहा जाता है कि स्वाति को दयाशंकर के बोलने का तरीका बहुत पसंद था. उनकी प्रेम कहानी बहुत जल्दी कैपस में फैल गई. दोनों के परिवारों की सहमति के बाद स्वाति और दयाशंकर की 18 मई 2001 में शादी हो गई.

जितिन प्रसाद-नेहा सेठ
जितिन प्रसाद राजघराने परिवार से ताल्लुक रखते हैं. राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाले जितिन बेहद सरल व्यक्ति हैं. 2010 में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री जितिन प्रसाद ने लखनऊ की पत्रकार नेहा सेठ से शादी की थी. उनके इस ऐलान के सबको चौंका दिया था. जितिन ने दून से स्कूलिंग और IIM दिल्ली से MBA करने के बाद अपने पारिवारिक सियासी विरासत को संभाला. नेहा ने लखनऊ के ला मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज से पढ़ाई की. उन्होंने मुंबई से मास कम्यूनिकेशन का कोर्स किया. नेहा के माता-पिता पूनम और आदेश सेठ लखनऊ के जानी-मानी हस्तियों में से एक हैं. अभी नेहा एक लेखक हैं और वो फ्रीलांसिग राइटर के तौर पर मैगज़ीन्स में लिखती हैं. नेहा ने बहुत सारी किताबें भी लिखी हैं. चार साल के प्रेम संबंध के बाद दोनों ने 16 फरवरी को सात फेरे लिए. लखनऊ में जितिन ने शादी के बाद शाही रिसेप्शन दिया था जिसमें बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल हुईं थीं. नेहा के घर जितिन के कहने पर शादी का प्रपोजल उनके परिवार ने भेजा था. 

नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' और अभिलाषा
नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' और अभिलाषा दोनों शुरू से ही साथ पढ़ते थे. बचपन से दोनों को एक दूसरे का साथ मिला हुआ था. दोनों प्रयागराज के लोहिया पाण्डेय के हाता में वेसेंट नर्सरी स्कूल में पढ़ते थे.. दोनों का घर भी एक ही गली में है. कुछ दिनों बाद स्कूल बदला तो दोनों के बीच संपर्क छूट गया. कई सालों बाद इनकी मुलाकात मैहर देवी मंदिर सतना में हुई. यहां पर दोनों ने अपने-अपने प्रेम का इजहार किया. यहां पर हर प्रेम कहानी की तरह परेशानी आई. अभिलाषा के परिवार को ये रिश्ता मंजूर नहीं था. ये वो समय था जब नंद गोपाल नंदी की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी. ये वो दौर था, जब नंदी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. 

ऐसा कहा जाता है कि नंदी ने दूध वाले से लेकर घर की नौकरानी तक से अभिलाषा को लेटर भिजवाए. इसके बाद अभिलाषा के पिता पीएन मिश्रा ने उन्हें जबलपुर भेज दिया. अपने प्यार का पीछा करते हुए नंदी भी जबलपुर पहुंच गए. जबलपुर कॉफी हाउस में किसी तरह मजिस्ट्रेट को बुलाकर कोर्ट मैरिज की. अभिलाषा के पिता ने उन्हें वापस प्रयागराज बुलाकर उनकी दूसरे जगह शादी की तैयारी करने लगे. इसी बीच अभिलाषा अपने पैरेंट्स को बिना बताए घर से निकल आईं और नंदी के साथ कार से विध्यांचल मंदिर पहुंची. यहां पर दोनों ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन किया और फिर कार से ही नागपुर रवाना हो गए. वहां नंदी अपने एक दोस्त के पास रहने चले गए. इस बीच अभिलाषा की फैमिली को भी कंवेंस कर लिया और इलाहाबाद लौटे तो दोनों की रीति रिवाज से शादी हुई. आज नंदी के व्यवसाय और राजनीतिक जीवन में अभिलाषा का सपोर्ट रहता है. अभिलाषा खुद भी महापौर हैं. वो उन्हें चुनाव लड़ने में भी मदद करती हैं.

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