अजय लल्लू (Ajay Lallu) ने सीईसी को पत्र लिखकर कहा था कि 30 दिसंबर को उनकी पार्टी की तरफ से अधिकृत प्रतिमंडल उनसे मिलना चाहता है. इसमें लल्लू के साथ पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari), पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी (Nasimuddin Siddiqui) और आराधना मिश्र (Aradhna Mishra) मोना रहेंगे...
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UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले यूपी कांग्रेस की अंतर्कलह अब सामने आ गई है. दरअसल, चुनाव आयोग के साथ सभी राजनीतिक दलों की बैठक के बाद से ही कांग्रेस के नेताओं में मन-मुटाव देखा जा सकता है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने चीफ इलेक्टोरल कमिश्नर सुशील चंद्रा को पत्र लिखकर उन्हें बताया है कि बीते मंगलवार कांग्रेस का जो प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था वह पार्टी की तरफ से अधिकृत नहीं था. जबकि बताया जा रहा है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की सूची में शामिल ओंकार नाथ सिंह, वीरेंद्र मदान और अनस खान ने ही पार्टी का पक्ष रखा था.
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अजय लल्लू ने बता दिया प्रतिनिधिमंडल को अनधिकृत
वहीं, यह खबर भी आई कि नाराज होकर ओंकार नाथ सिंह ने रेजिग्नेशन दे दिया है. बीते मंगलवार को ही वह बाकी 2 नेताओं के साथ केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम से मिले थे और कांग्रेस का पक्ष रखा था. लेकिन, अगले ही दिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर इस प्रतिनिधिमंडल को ही अनधिकृत बता दिया.
नए प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए कहा
अजय लल्लू ने सीईसी को पत्र लिखकर कहा था कि 30 दिसंबर को उनकी पार्टी की तरफ से अधिकृत प्रतिमंडल उनसे मिलना चाहता है. इसमें लल्लू के साथ पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और आराधना मिश्र मोना रहेंगे. नियमों के अनुसार चुनाव आयोग जब भी किसी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करता है, तो उनके नाम पहले से ही आयोग को सौंपे जाते हैं. इसके बाद आयोग उन्हीं लोगों से मिलता है, जिनके नाम दिए जाते हैं.
ओंकार नाथ ने प्रियंका गांधी को लिखा पत्र
दूसरी तरफ, ओंकार नाथ ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को पत्र लिखते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयुक्त की मीटिंग में उनके साथ वीरेंद्र मदान और अनस को अधिकृत तौर पर भेजा गया था. चुनाव आयोग की तरफ से भी उन्हें फोन आया था, तभी वह वहां गए थे. उन्होंने आयोग को सौंपा जाने वाला ज्ञापन पहले सतीश आजमानी को दिखाया था और उसमें सुधार करवाया था. इसके बाद भी प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू के इस बयान से जाहिर है कि वह उनका अपमान कर रहे हैं.
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