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पवन सेंगर/लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक तैयारियों में लगे हुए हैं. इसी बीच नेताओं के दलबदल का दौर भी लगातार जारी है. इसी कड़ी में निर्भया केस की वकील रहीं सीमा कुशवाहा भी गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गई हैं. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की मौजूदगी में उन्हें बसपा की सदस्यता दिलाई गई. सीमा समृद्धि कुशवाहा निर्भया केस में चर्चा में आई थीं. इसके अलावा उन्होंने हाथरस केस को भी लड़ा था. वो रेप पीड़िताओं के लिए मुफ्त में न्याय दिलाने की मुहिम भी चलाती हैं.
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कौन हैं सीमा कुशवाहा?
ये वो सीमा कुशवाहा हैं जिन्होंने देश के निर्भयाकांड की 7 साल लंबी लड़ाई लड़ी थी. जब यह सामूहिक बलात्कार हुआ तब सीमा निचली अदालत में स्नातकोत्तर और प्रशिक्षण जारी रखते हुए पढ़ाई कर रही थीं. उसके बाद, वह एक Ias अधिकारी बनने की ख्वाहिश रखती थीं और उसी की तैयारी शुरू कर दी थी. लेकिन निर्भया कांड के बाद उन्होंने देखा कि कैसे मुखर्जी नगर में उसके छात्रावास की अन्य लड़कियों को उनके चिंतित माता-पिता ने इस घटना के तुरंत बाद घर वापस बुला लिया.
2014 में स्नातक होने के बाद, 25 साल की उम्र में, वह आधिकारिक तौर पर आशा देवी की वकील बन गईं. 10 जनवरी 1982 को जन्मी सीमा कुशवाहा का पूरा नाम सीमा समृद्धि कुशवाहा है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के एक छोटे से गांव उग्रपुर, ग्राम पंचायत बिधिपुर ब्लॉक महेवा तहसील चकरनगर में बलदीन कुशवाहा और रामकुआंरी कुशवाहा के घर हुआ था। उनके पिता बलदीन कुशवाहा बिधिपुर ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान थे.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ट्रेनी वकील काम करना शुरू किया. निर्भया केस के वक्त भी सुप्रीम कोर्ट में ट्रेनी वकील ही काम कर रहीं थीं. जब निर्भया के साथ दरिंदगी हुई और फिर मौत हो गई तो लोगों के साथ सड़क पर प्रदर्शन करने वालों में सीमा कुशवाहा भी शामिल थीं. अब इन्होंने बसपा में शामिल होकर एक नई दिशा तय की है.
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